रुद्रपुर। एक नाबालिग को उसकी मां ने फोन चलाने के लिए मना किया तो वह झारखंड से भागकर रुद्रपुर पहुंच गया। चाइल्ड लाइन टीम ने सोमवार को 10 वर्षीय नाबालिग को उसकी मां से मिलवाया। कुमाऊं सेवा समिति चाइल्ड लाइन की केंद्र समन्वयक शायरा बानो ने बताया कि झारखंड के जिला साहेबगंज के महाराजपुर गांव के एक नाबालिग को मोबाइल फोन की लत लग गई थी। रोजाना घंटों तक मोबाइल चलाने पर बच्चे की मां ने गुस्से में उससे फोन छीनकर थप्पड़ मार दिए। इससे नाराज होकर बच्चा 18 जनवरी को घर से भागकर ट्रेन में बैठकर रुद्रपुर पहुंच गया।
बताया कि 20 जनवरी को सिडकुल चौकी पुलिस को ओमेक्स कॉलोनी में नाबालिग घूमता हुआ मिला था। बच्चे को बाल कल्याण समिति सदस्य पुष्पा पानू के निर्देश पर चाइल्ड लाइन में रखा गया। चाइल्ड लाइन टीम ने बच्चे की काउंसलिंग की तो उसने बताया कि मां ने ज्यादा देर तक फोन चलाने की वजह से उसे मारा था। इस कारण वह नाराज होकर ट्रेन में बैठकर रुद्रपुर आ गया। टीम ने बच्चे और उसकी मां को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। वहां दोनों की काउंसलिंग के साथ ही सभी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद बच्चे को मां के सुपुर्द कर दिया गया। दोनों को झारखंड जाने के लिए किराये की राशि भी उपलब्ध कराई गई। बच्चे के पिता का निधन हो चुका है और वह छह भाई-बहन हैं।
मां ने फोन चलाने को रोका तो झारखंड से भागकर रुद्रपुर पहुंच गया नाबालिग
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