हल्द्वानी। जहां जान बचने की जद्दोजहद में एक-एक पल कीमती होता है, वहां लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। हम बात कर रहे हैं कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल की। यहां इलाज के लिए पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। अस्पताल के बाहर कपड़े, जूस, फल, खाने का सामान बेचने वालों के ठेले लगे रहते हैं जहां थोड़ी जगह है वहां पर अवैध रूप से पार्किंग बना ली गई है। अस्पताल के मुख्य गेट पर ही टैंपो खड़े रहते हैं। अवैध पार्किंग और सड़क पर कब्जे के चलते अस्पताल के गेट संख्या-दो से लेकर छठ पूजा स्थल के पास तक जाम की स्थिति बनी रहती है।
अवैध स्टॉपेज बना दिया
सुशीला तिवारी अस्पताल के सामने बड़े पैमाने पर कब्जा है, इसके चलते मार्ग की चौड़ाई कम हो गई है। रही सही कसर अवैध स्टॉपेज ने पूरी कर दी है। पुलिया के पास रुद्रपुर की तरफ जाने वाले वाहन खड़े रहते हैं। रुद्रपुर की तरफ से आने वाली बसें भी गेट के पास ही यात्रियों को उतारती हैं, जो जाम का सबब बनता है। पर इसे देखने की फुर्सत अधिकारियों के पास नहीं है।
पचास से अधिक ठेले लगे
अस्पताल के आसपास ही अलग-अलग सामान के 50 से अधिक ठेले लगे हुए हैं। हालत यह है कि मुख्य गेट से अस्पताल के पीछे की तरफ जाने वाले मार्ग पर यात्री वाहनों का संचालन बेहद कम हो गया। इस रास्ते पर ठेलों का राज है। इस पर भी वाहनों की अवैध पार्किंग होती है जबकि पुलिस ने अवैध पार्किंग करने वाले वाहनों पर जुर्माने का बोर्ड लगाया है, लेकिन यह भी शाे पीस बने हुए हैं।
रेडीमेड कपड़ों की दुकानें भी सजीं
अस्पताल के आसपास कब्जा करने वालों की होड़ है। यहां रेडीमेड दुकानों की दुकानें भी सजी हैं। प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत कार्यालय के सामने की तरफ भी कब्जा हो रहा है। पुराने चुंगी वाले मार्ग पर कब्जा किया गया है। अस्पताल के गेट संख्या- दो के पास नहर कवरिंग कर मार्ग को चौड़ा किया गया, लेकिन उस पर भी वाहनों से लेकर ई- रिक्शा समेत दूसरे वाहन खड़े रहते हैं। इस तरफ से गुजरना भी मुश्किल भरा रहता है।
कोट
मार्ग पर जाम न लगे, इसके लिए सीपीयू की पुन: तैनाती की जाएगी। इसके अलावा नए पार्किंग स्थल की संभावनाओं को भी देखा जा रहा है। संबंधित थाना, चौकी क्षेत्र के अधिकारियों को भी निर्देशित किया जाएगा कि वे कब्जा न होने दें। – डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी क्राइम-ट्रैफिक।
जहां हर पल कीमती, वहां हर कदम लगता है जाम
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