रीठा साहिब (चंपावत)। रीठा साहिब गुरुद्वारे में रविवार को मुख्य जोड़ मेला हुआ। सिख समागम में जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के नारों की गूंज रही। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से आए हजारों तीर्थयात्रियों ने लधिया-रतिया नदी के संगम पर स्नान करने के बाद गुरुद्वारे में शीश नवाए। तीन दिनी जोड़ मेले का समापन सोमवार को होगा।
श्री गुरुग्रंथ साहिब के पाठ की लड़ी शुरू होने के साथ नानकमत्ता सहित विभिन्न स्थलों से आए जत्थे के प्रतिनिधियों ने गुरुग्रंथ साहिब की अमृतवाणी सुनाकर श्रीरीठा साहिब गुरुद्वारे का इतिहास बताया। अखंड सबद-कीर्तन भी हुए। अमृतसर के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी गुरुवचन सिंह ने दरबार साहिब में सिख समागम को संबोधित किया। कहा कि सिख धर्म की उत्पत्ति ही सेवा और त्याग के लिए हुई है। इस स्थान में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव जी ने आध्यात्मिक शक्ति से रीठे की कड़वाहट में मिठास भरकर दुनिया को मिलकर रहने का संदेश दिया। सिख समागम में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि गुरुद्वारे के प्रमुख संतों ने भी विचार रखे। कारसेवा प्रमुख बाबा बच्चन सिंह, तरसेम सिंह, राजपाल सिंह, अजीतपाल सिंह, अजीत सिंह, अमरजीत सिंह, गुरमीत कौर, मनप्रीत कौर, श्याम सिंह आदि संतों ने सिख धर्म के त्याग, सेवा, सत्कार की भावना को बनाए रखने की सीख दी।
विधिक शिविर में दी गई कानून की जानकारी
रीठा साहिब (चंपावत)। रीठा साहिब जोड़ मेले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विधिक शिविर लगाकर कानून की जानकारी दी गई। पैरा लीगल वालंटियर हयात राम ने कानूनी ज्ञान को अन्याय से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया बताकर कानूनी साहित्य बांटा। चिकित्सा शिविर भी लगा। इसमें 300 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया।
जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल
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