हल्द्वानी। महिला अस्पताल की व्यवस्थाएं एक बार फिर सवालों में है। यहां सोमवार रात गफूर बस्ती निवासी गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन महिला अस्पताल लेकर पहुंचे। आरोप है कि महिला अस्पताल में गर्भवती को भर्ती और स्वास्थ्य सुविधा न देकर मौजूद स्टाफ ने दो-तीन दिन बाद आने के लिए कह दिया जबकि परिजन भर्ती करने के लिए कह रहे थे। बाद में परिजन टेंपो से घर लौट रहे थे तभी ताज चौराहे पर टैंपो में ही बच्चे का जन्म हो गया। सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार की दोपहर घर पर पहुंची। मामले की जांच कराने की बात भी स्वास्थ्य अधिकारी कर रहे हैं।
पिछले महीने खटीमा से गर्भवती रेफर होकर महिला अस्पताल पहुंची थी, यहां उसे भर्ती नहीं किया गया था। बाद में बच्चे का जन्म अस्पताल के पार्क में हो गया था। यह मामला तूल पकड़ा तो शासन भी हरकत में आया और डॉक्टर आदि के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी। अब एक बार फिर महिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं का मामला सामने आया है।गफूर बस्ती (वार्ड-22) निवासी शब्बो को प्रसव पीड़ा हुई। पति इमरान ने बताया कि रात करीब साढ़े दस बजे उनकी मां व अन्य परिजन उसे लेकर महिला अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने मौजूदा स्टाफ को प्रसव पीड़ा की बात बताई और भर्ती करने के लिए कहा, लेकिन स्टाफ ने भर्ती नहीं किया। कहा कि दो से तीन बाद आना। कुछ देर के बाद जब वे टैंपो से घर लौट रहे थे, तभी ताज चौराहे के पास टेंपो में ही बच्चे का जन्म हो गया। बाद में जच्चा-बच्चा को घर ही ले आए। इस दौरान बच्चे को हल्की चोट भी लग गई।
स्वास्थ्य विभाग करेगा जांच
हल्द्वानी। एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत ने बताया कि पता चलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर पहुंचकर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। एएनएम ममता बिष्ट ने दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया, दोनों स्वस्थ हैं। बच्चे को पोलियो ड्राप पिलाई गई है। अन्य टीकाकरण बुधवार को होगा। इस मामले की जांच भी कराई जाएगी।
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष
हल्द्वानी। महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उषा जंगपांगी का कहना है कि जब महिला अस्पताल पहुंची थी, स्टाफ ने गर्भवती को देखा उसमें प्रसव के कोई लक्षण नहीं थे। उससे रुकने के लिए कहा गया था। अन्य केस आने के कारण स्टाफ व्यस्त हो गया। बाद में गर्भवती महिला चली गई थी। कई बार ऐसा होता है कि प्रसव के लक्षण नहीं होते हैं, पर अचानक प्रसव पीड़ा के साथ बच्चे का जन्म हो जाता है। इस मामले में मौजूदा स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
कुछ दिन पहले भी टेंपो में हुआ था बच्चे का जन्म
हल्द्वानी। महिला अस्पताल में सोमवार की रात को गर्भवती महिला को भर्ती न कर भेजने और टैंपो में बच्चे का जन्म होने का यह पहला मामला नहीं है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले भी कुसुमखेड़ा की गर्भवती महिला को देर रात अस्पताल से रेफर कर दिया गया था, बाद में महिला ने सिंधी चौराहे पर बच्चे को जन्म दिया था। कुसुमखेड़ा क्षेत्र की रहने वाली गर्भवती को प्रसव पीड़ा होेने के बाद परिवार के लोग 25 अगस्त की रात डेढ़ बजे लेकर महिला अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने बताया कि महिला अस्पताल से ही शुरुआत से नियमित जांच आदि हो रही थीं। ऐसे में जब प्रसव पीड़ा हुई तो महिला अस्पताल लेकर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। किसी तरह टेंपो की व्यवस्था कर निजी अस्पताल ले जाने के लिए निकले और सिंधी चौराहे के पास टेंपो में ही बच्चे का जन्म हो गया। इसके बाद करीब ढाई बजे निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा को भर्ती कराया। महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उषा जंगपांगी का कहना है कि यह मामला संज्ञान में नहीं है। इस बारे में पता कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
महिला अस्पताल नहीं किया भर्ती, टैंपो में बच्चे का हुआ जन्म
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