हल्द्वानी/नैनीताल। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में हो रही अघोषित बिजली कटौती से आम उपभोक्ता परेशान हैं। कुछ महीनों पहले हुए विधानसभा चुनाव में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का वादा करने वाली भाजपा के सरकार में आने के बाद गर्मियों में तो दूर अब बरसात में भी ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किल से आठ से नौ घंटे बिजली आपूर्ति मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऊर्जा से संबंधित तीनों निगमों यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल को धीरे-धीरे बर्बाद करके बेच देना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुबह छह बजे से ही बिजली की आंखमिचौली शुरू हो जाती है जो दिन भर जारी रहती है। दिन में लाइट की कटौती से जहां व्यापारी और नागरिक परेशान हैं। वहीं शाम होते ही गांव-नगर में ऐसा अंधेरा छा जाता है जैसे कि युद्ध के समय का ब्लैक आउट हो। बिजली कटौती के चलते घरों और दुकानों में कूलर, पंखे, फ्रिज, शोपीस बने हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऊर्जा निगमों को अस्थायी व्यवस्था के तहत चलाया जा रहा है। निगमों में निदेशकों के अधिकतर पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि न केवल ऊंचे स्तर पर बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले जूनियर इंजीनियरों के भी अधिकतर पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि अघोषित बिजली की कटौती से राज्य की जनता को उबारने के लिए कांग्रेस मांग करती है कि उत्तराखंड को केंद्र सरकार सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराए।
यशपाल आर्य का ऊर्जा निगम की कटौती को लेकर बयान
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