देहरादून। पुलिस और सेना में भर्ती होने के जज्बे के आगे दून में मैदान भी छोटे पड़ने लगे हैं। शहर में मैदानों की कमी के कारण कुछ चुनिंदा ग्राउंड में युवाओं का हुजूम उमड़ रहा है। खासकर परेड ग्राउंड रोजाना सुबह और शाम के वक्त युवाओं की भीड़ से भर जाता है। धूल के बीच अभ्यास करने वालों में युवतियां भी पीछे नहीं हैं। यहां भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। न पीने के पानी की व्यवस्था है, न फिजिकल ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त सुविधाए हैं। सेना की तैयारी के लिए रात के वक्त नोएडा की सड़कों पर दौड़ते प्रदीप की मेहनत को भले ही दुनिया ने सोशल मीडिया के जरिये देखा हो, लेकिन दून में भी ऐसे प्रदीप कम नहीं हैं, जो मुश्किल हालात में सेना की तैयारी कर रहे हैं। दून शहर में युवा मुश्किल हालात में भर्ती का जुनून लिए तैयारी करने को मजबूर हैं। अजीत और विशाल ने बताया कि परेड ग्राउंड, महिंद्रा ग्राउंड (गढ़ी कैंट) और लक्ष्मण विद्यालय के मैदान में युवा तैयारी करते हैं। परेड ग्राउंड शहर के मध्यम में है, इसलिए यहां सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। उन्होंने बताया कि मैदान में बारीक पत्थर बिखरे हुए हैं। लांग जंप वाली जगह पर मिट्टी सूखकर सख्त हो गई है। इसमें प्रैक्टिस करते हुए पैरों में चोट लग रही है। शुक्रवार को युवक आशीष का पैर लांगजंप करते वक्त मुड़ गया, जिसे उसके दोस्त कोरोनेशन अस्पताल लेकर गए। युवाओं ने बताया कि चिनअप के लिए पेड़ पर लकड़ी के फट्टे लगाकर जुगाड़ बनाया है। पानी के लिए खेल कांप्लेक्स वाले छोर पर एक फ्रीजर लगा है, लेकिन शुक्रवार को उसमें भी पानी नहीं था। युवा पानी के परेशान नजर आए। युवाओं का कहना है कि उत्तराखंड में 2014 के बाद पुलिस भर्ती तो खुली, लेकिन प्रक्रिया में देरी के कारण युवाओं का इंतजार बढ़ता जा रहा है।
सिकुड़ गया मैदान
स्मार्ट सिटी के कार्य के चलते परेड मैदान का कुछ हिस्सा ही खेल गतिविधियों के लिए उपयोग हो पा रहा है। आधे से ज्यादा हिस्से में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है, जो अधूरा पड़ा है। यह एरिया बंद ही रहता है। जिस हिस्से में युवा तैयारी कर रहे हैं, उसकी भी देखरेख ठीक से नहीं हो रही है। ग्राउंड में घास तक पर्याप्त नहीं है। सेना की भर्ती में देरी के कारण युवा निराश हैं। युवाओं ने पुलिस का फिजिकल समय पर करने के साथ सेना की भर्ती भी खोलने की मांग की है।
दिन में नौकरी, सुबह शाम को कर रहे तैयारी
देहरादून। एटीएम की सिक्योरिटी का काम करने वाले चंद्र सिंह रावत ने बताया कि दिन में वह ड्यूटी करते हैं। शाम को परेड मैदान करते हैं। रात में पेपर की तैयारी करते हैं। इसी तरह प्रताप रौतेला रेस्टोरेंट में काम करते हैं। इसलिए रोजाना सुबह प्रैक्टिस कर रेस्टोरेंट में काम करने चले जाते हैं। परेड ग्राउंड में तैयारी करने वाले ज्यादा युवा कॉलेजों में पढ़ने वाले हैं, लेकिन इसमें कामकाजी युवाओं की संख्या भी कम नहीं है।
दोपहर की तेज धूप में भी पसीना बहा रहे युवा
परेड ग्राउंड में दोपहर की तेज धूप में भी शुक्रवार को युवा दौड़ते नजर आए। रजत सिंह ने बताया कि उनका घर हर्रावाला में है। घर के आसपास ग्राउंड नहीं है। परेड ग्राउंड घर से बहुत दूर है। दिन में कोचिंग के लिए शहर आते हैं तो उसके बाद यहीं पर प्रैक्टिस कर लेते हैं। तेज धूप में दौड़ना मजदूरी है। कहते हैं, जल्द से फिजिकल हो जाए तो ये दौड़भाग कम होगी।
परेड मैदान में नियमित पानी का छिड़काव के लिए कहा गया है। अगर ऐसा नहीं किया जा रहा है तो इसे ठीक करने के लिए कहा जाएगा। जिला क्रीड़ा अधिकारी को मैदान की बाकी व्यवस्थाएं भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए जाएंगे। -डॉ. आर राजेश कुमार, डीएम देहरादून
देहरादून में भर्ती के जज्बे के आगे छोटे पड़े मैदान, धूप में भी पसीना बहा रहे युवा
RELATED ARTICLES