चमचमाती महंगी गाड़ियों के शौकीनों के लिए यह खबर चौंकाने वाली है। जितनी कीमत में एक नई नवेली सस्ती कार मिलती है, उससे कई अधिक कीमत वाहन स्वामियों ने गाड़ी का वीआईपी नंबर पाने के लिए लगा दी। दून में 0001 वीआईपी नंबर सात लाख 66 हजार रुपये में नीलाम हुआ है। वहीं 0007 के लिए एक वाहन स्वामी ने एक लाख 11 हजार रुपये खर्च किए हैं। बृहस्पतिवार को परिवहन विभाग की ओर से वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई। जिसमें वाहन स्वामी ने वीआईपी नंबर 0001 के लिए 7,66,000 रुपये की बोली लगाई। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि राज्य गठन के बाद यह पहली बार है जब वीआईपी नंबर 0001 के लिए इतनी अधिक बोली लगाई गई है। आरटीओ डीसी पठोई ने बताया कि फिलहाल 0001 से लेकर 0009 तक के वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी की गई है।
आरटीओ डीसी पठोई ने बताया कि 0001 वीआईपी नंबर की न्यूनतम कीमत एक लाख रुपये तय की गई थी। 0002 के लिए 35 हजार रुपये, 0003 के लिए 25 हजार रुपये, 0004 के लिए 26 हजार रुपये, 0007 के लिए एक लाख 11 हजार रुपये, 0008 नंबर के लिए 39 हजार रुपये, 0009 नंबर के लिए अधिकतम 63 हजार रुपये की बोली लगाई गई। आरटीओ ने बताया कि इससे पूर्व वीआईपी नंबर एक के लिए अधिकतम बोली साढ़े पांच लाख रुपये लगाई गई थी। बता दें कि इससे पूर्व ऑनलाइन नीलामी की व्यवस्था नहीं होने पर वीआईपी नंबरों के आवंटन को लेकर विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठते थे। लेकिन, जब से वीआईपी नंबरों के आवंटन को लेकर ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है। उससे ना सिर्फ नीलामी में अधिक से अधिक वाहन स्वामी हिस्सा लेते हैं, बल्कि परिवहन विभाग की आय में साल दर साल इजाफा हो रहा है।
जितने में आ जाए चमचमाती नई गाड़ी, शौकीनों ने उतनी रकम में खरीदा 0001 वीआईपी नंबर
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