नई दिल्ली, 9 नवंबर |
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर (NCR) में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, एम्स क्षेत्र में एक्यूआई 421, अक्षरधाम इलाके में 412 और इंडिया गेट के पास 381 दर्ज किया गया, जो सभी “गंभीर” श्रेणी में आते हैं। वहीं लोधी रोड का एक्यूआई 377 रहा।
राजधानी के ऊपर फैली PM 2.5 की सूक्ष्म कणों वाली परत हवा में जहर घोल रही है। इससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
🚗 प्रदूषण में पराली और वाहनों का योगदान
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली की हवा में पराली जलाने का योगदान 30.915% रहा, जबकि रविवार को यह 31.246% तक बढ़ने का अनुमान है। वहीं वाहनों से निकलने वाला धुआं 15.321% प्रदूषण का कारण बना।
शनिवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई 361 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में है। शुक्रवार की तुलना में यह 39 अंक बढ़ा है। सुबह राजधानी में घना कोहरा और स्मॉग छाया रहा। सफदरजंग एयरपोर्ट पर सुबह 6:30 बजे दृश्यता 900 मीटर, और आठ बजे 1200 मीटर दर्ज की गई।
सड़क पर लोग मास्क पहनकर निकले, जबकि अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।
🌆 एनसीआर में भी खतरनाक हालात
दिल्ली के बाद नोएडा में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जहां एक्यूआई 354 रहा। गाजियाबाद में 339, ग्रेटर नोएडा में 336, और गुरुग्राम में 236 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया।
फरीदाबाद में स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जहां एक्यूआई 264 दर्ज हुआ, हालांकि यह भी “खराब” श्रेणी में शामिल है।
🌫️ राहत के आसार नहीं, मंगलवार तक रहेगा असर
सीपीसीबी के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। इससे बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों को ज्यादा खतरा रहेगा।
दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिमी हवा चली, जिससे मामूली सुधार देखने को मिला। इस दौरान मिश्रण गहराई 1500 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 9000 मीटर प्रति वर्ग सेकंड दर्ज किया गया।
📊 प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट, लेकिन हवा अब भी जहरभरी
शाम चार बजे हवा में PM10 का स्तर 324.3 माइक्रोग्राम और PM2.5 का स्तर 190.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा “बेहद खराब” श्रेणी में रही, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह “मध्यम” स्तर पर दर्ज की गई।
दीपावली के बाद से दिल्ली की हवा लगातार खराब बनी हुई है। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-2 (GRAP-2) के तहत कई प्रतिबंध लागू हैं, लेकिन उनका प्रभाव सीमित दिख रहा है।
इस वर्ष अब तक दिल्ली में “गंभीर” श्रेणी वाला कोई दिन दर्ज नहीं हुआ था, लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस हफ्ते हालात और बिगड़ सकते हैं। पिछली बार ऐसी स्थिति 23 दिसंबर 2024 को बनी थी, जब एक्यूआई 406 दर्ज किया गया था।
⚠️ विशेषज्ञों की चेतावनी और सुझाव
पर्यावरण विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे बाहर निकलते समय मास्क पहनें, लंबे समय तक खुले में रहने से बचें, और घरों में एयर प्यूरीफायर या इनडोर पौधों का उपयोग करें।
सरकार ने भी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए निर्माण कार्यों पर रोक, सड़कों पर पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण के उपाय तेज करने के निर्देश दिए हैं।