Friday, November 1, 2024
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दो जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट, ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे तीसरे दिन भी बंद

उत्तराखंड में आज मंगलवार को मौसम साफ बना रहा। प्रदेश के सभी इलाकों में चटख धूप खिली रही। लेकिन दोपहर बाद देहरादून में बारिश होने से गर्मी से राहत मिली। वहीं, मौसम विभाग ने देहरादून और टिहरी में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भी हल्की बारिश की संभावना है।
उधर, ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 94) पर नरेंद्रनगर बाईपास के समीप कुमारखेड़ा में आज तीसरे दिन भी यातायात के लिए बंद है। यहां चट्टान से हुए भूस्खलन के कारण लगातार भारी मात्रा में बोल्डर सड़क पर गिरे हैं। वहां पर पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत छोटे वाहनों का संचालन पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय की सड़क से हो रहा है। वहीं, नरेंद्रनगर रानीपोखरी मोटर मार्ग से भी वाहनों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही अब भी बंद है। ऋषिकेश से चंबा के लिए आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। जिससे यात्रियों के साथ साथ वाहन स्वामियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क बंद होने से बड़े व छोटे वाहन सड़क के दोनों ओर फंसे हुए हैं। वहीं खाद्य सामग्री न पहुंचने से आम जनता की परेशानियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं। गंगोत्री राष्ट्रीय बंद होने से ऋषिकेश से चंबा, उत्तरकाशी और घनसाली की ओर जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को ऋषिकेश से चंबा, उत्तरकाशी और घनसाली की ओर जाने के लिए मसूरी-धनोल्टी, कीर्तिनगर-दुगड्डा, देवप्रयाग-गजा या विकासनगर-बड़कोट जैसे लंबे उपमार्गों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
पर्थाडीप में चार घंटे बंद रहा बदरीनाथ हाईवे
बदरीनाथ हाईवे पर पर्थाडीप में भूस्खलन होने से यहां करीब चार घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने छोटे वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मार्ग से करवाई। मंगलवार को सुबह चार बजे से ही यहां भूस्खलन शुरू हो गया था जिससे करीब दो घंटे तक वाहनों की आवाजाही रुकी रही। सुबह सात बजे यहां वाहनों की आवाजाही शुरू हुई लेकिन अपराह्न एक बजे हाईवे फिर बंद हो गया जिससे हाईवे के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया। एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) की ओर से जेसीबी के जरिए मलबा हटाया गया। इस दौरान वाहनों की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने छोटे वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मार्ग से करवाई। इस दौरान तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सैकोट गांव के चंडी प्रसाद थपलियाल ने बताया कि सैकोट मार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन और भू-धंसाव से खस्ताहाल में है। उन्होंने नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मार्ग को डेढ़ लेन चौड़ीकरण करने की मांग की। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि पर्थाडीप में दो जेसीबी और मेन पावर की तैनाती की गई है। पहाड़ी से मलबा आने पर उससे तत्काल हटाया जा रहा है।

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