तेज अंधड़ से नैनीताल जिले में बागवानी का भारी नुकसान पहुंचा है। जिले में करीब 14 हजार मीट्रिक टन मौसमी फल बर्बाद हो गए हैं। कई फलों के पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं तो कई की टहनियां टूट गई हैं। पहाड़ी इलाकों में पुलम को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है तो मैदान में आम का उत्पादन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
नैनीताल जिले में 2647.50 हेक्टेयर में आम की पैदावार होती है। सामान्य सीजन में करीब 15 हजार मीट्रिक टन आम की पैदावार होती है। किसानों के मुताबिक सोमवार रात चले अंधड़ से भारी नुकसान पहुंचा है। जबकि दो अंधड़ पहले भी आ चुके हैं। जिससे उन्हें 45 से 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है। लीची भी सामान्य सीजन में 4 हजार मीट्रिक टन के करीब होती है। पहाड़ों में आड़ू भी 4 हजार मीट्रिक टन, सेब पांच हजार मीट्रिक टन के करीब होता है। पुलम की पैदावार 3.5 हजार मीट्रिक टन सामान्य सीजन में होती है। अंधड़ से नौ हजार मीट्रिक टन के करीब फलों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि किसानों के अनुसार यह आंकलन लगाया गया है। वहीं उद्यान विभाग अपने सर्वे के बाद रिपोर्ट जारी रकेगा।
::बोले किसान:: -फोटो-
रामगढ़, धारी क्षेत्र में सबसे अधिक पुलम को नुकसान पहुंचा है। आडू़, खुमानी को भी खासा नुकसान पहुंचा है। किसानों को सरकार की ओर से मुआवजा मिलना चाहिए। -पूरन बिष्ट, किसान।
पुलम के साथ सेब को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बीते तीन सालों में इतना नुकसान नहीं हुआ था जितना इस साल आए तीन ही अंधड़ में हो गया है। किसानों को खासा नुकसान हुआ है। -खीम सिंह, किसान।
अंधड़ से आम को 40 से 50 फीसदी नुकसान पहुंचा है। तीन अंधड़ अब तक आ चुके हैं। अब अगर फिर से अंधड़ आया तो किसानों को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा। -नरेन्द्र मेहरा, किसान।
अंधड़ ने पेड़ों में लगे 50 फीसदी आम गिरा दिए हैं। अब पेड़ खाली-खाली से नजर आ रहे हैं। जो टहनियां फलों के वजन से लटक रही थीं वह टूट गई हैं। -आनन्द सिंह, किसान।
::कोट::
जिले में अंधड़ से बागवानी को खासा नुकसान पहुंचा है। पहले आए दो अंधड़ में 15 फीसदी तक नुकसान पहुंचा था। सोमवार को आए अंधड़ की जानकारी जुटाई जा रही है। -लीला राम टम्टा, सीनियर हल्टीकल्चर इंस्पेक्टर।
जिले में अंधड़ से 14 हजार मीट्रिक टन मौसमी फल बर्बाद
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