भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी में छह माह के कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 12 महिला चिकित्सा अधिकारियों सहित कुल 56 सहायक सेनानी/विकल अधिकारी बल की मुख्य धारा में शामिल हुए। इन चिकित्सा अधिकारियों को कठोर एवं प्रशिक्षण के दौरान युद्ध कौशल, शस्त्र चालन, शारीरिक प्रशिक्षण, आसूचना मानचित्र अध्ययन सैन्य प्रशासन, कानून व मानव अधिकार जैसे सैन्य व पुलिस संबंधी विषयों का गहन प्रशिक्षण दिया गया। विशेष तौर पर इन प्रशिक्षणार्थियों को पहली बार ‘क्रम मागा’ प्रशिक्षण पद्धति का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण पद्धति से इजराइल आर्मी के विशेष कमांडों को प्रशिक्षित किया जाता है। पास आउट होने वाले इन चिकित्सा अधिकारियों में राजस्थान से 16, केरल से 07, पंजाब से 05, हरियाणा एवं आन्ध्रप्रदेश से 4-4, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु एवं तेलंगाना से 3-3. कर्नाटक से 02, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उड़िसा, आसाम, त्रिपुरा, एवं मणिपुर से 1-1 प्रशिक्षणार्थी है।
चिकित्सा अधिकारियों का दायित्व बहुत महत्तवपूर्ण
प्रशिक्षण उपरान्त आयोजित भव्य दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह में इन युवा चिकित्सा अधिकारियों ने संविधान एवं बल के प्रति निष्ठा एवं समर्पण की शपथ ली। पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि मनोज सिंह रावत, अपर महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ने अपने संबोधन में पास आउट होने वाले सभी नव चिकित्सा अधिकारियों को बल की मुख्य धारा में शामिल होने पर बधाई दी। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि चिकित्सा अधिकारियों का दायित्व बहुत महत्तवपूर्ण है। हमारे बल के जवानों को शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको अपनी सेवाऐं देनी है। हाई एल्टीट्यू में जवानों को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरुक करते हुये उनको स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित भी करना है। साथ ही जरुरत के समय उनके समुचित इलाज का प्रबंधन भी करना है।
छह माह के कठिन प्रशिक्षण के बाद 56 बने अफसर, मसूरी में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड
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