रुद्रपुर। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान व्यापारी की मौत होने पर परिजन भड़क गए। परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। हालांकि मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया तो अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों पर मारपीट का। पुलिस ने सभी को किसी तरह से समझा बुझाकर शांत किया।
शहर के मुख्य बाजार में अग्रवाल धर्मशाला के पास मोबाइल दुकान का संचालन करने वाले गदरपुर निवासी सुरेश भुसरी (42) के सीने में बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे दर्द उठा। इसके बाद परिजन सुरेश को रुद्रपुर के किच्छा रोड स्थित मेडिसिटी अस्पताल ले कर गए। परिजनों के मुताबिक जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हृदयाघात हुआ है और मना करने के बाद भी सुरेश को इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही उनका शरीर नीला पड़ गया और मृत्यु हो गई।
दोनों पक्षों के आरोप के बीच अस्पताल परिसर में हंगामा हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को शांत कराया। करीब तीन घंटे तक चले इस हंगामे के बीच पुलिस ने दोपहर दो बजे शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा। पोस्टमार्टम हाउस में भी शहर के कई व्यापारी और परिजन मौजूद रहे। इस दौरान पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा आदि लोग मौजूद रहे।
कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाकर तहरीर दी है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने भी मृतक के परिजनों के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाकर तहरीर दी है। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
इधर, मेडिसिटी के निदेशक राहुल चंद का कहना है कि भर्ती होने के बाद मरीज ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। ईसीजी में हार्टअटैक की पुष्टि हुई। तत्काल दवा शुरू की गई। इंजेक्शन लगते ही दोबारा हृदयाघात हुआ, जिससे मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा करते हुए चिकित्सक और स्टाफ को थप्पड़ मारे। पुलिस में उल्टा हमारे ऊपर ही आरोप लगा दिए गए। अस्पताल की ओर से भी पुलिस को तहरीर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज में सब कुछ कैद है।
अस्पताल में इलाज के दौरान व्यापारी की मौत, हंगामा
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