Wednesday, November 26, 2025
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ऐसे देंगे डेंगू के मच्छर को टक्कर! घरों में आ रहा गंदा पानी-फॉगिंग का इंतजार

बरसात शुरू होते ही डेंगू और जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इन खतरों से निपटने को महकमों की तैयारी पुख्ता नजर नहीं आ रही है। राज्य में कहीं अभी फॉगिंग शुरू नहीं हुई है, तो कहीं सप्लाई हो रहे दूषित पानी के कारण दिक्कत आ रही है। जल भराव के कारण अलग लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हल्द्वानी: अभी तक शहर में एकबार भी फागिंग नहीं हुई है। सिर्फ मच्छरों से बचने को एक बार लारवा सीडर और ब्लीचिंग का छिड़काव गलियों में किया गया है। छोटे बड़े नालों एवं वनभूलपुरा इंदिरा नगर क्षेत्र में पानी जमा होने की स्थिति बनी रहती है। शहर में ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं है। लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंच रहा है। पूर्व पार्षद मुन्ना पोखरिया ने बताया कि पानी पीने लायक तो दूर नहाने लायक तक नहीं है।
ऋषिकेश: शहर में फॉगिंग 40 वार्डों में से सिर्फ छह वार्डों में ही हो रही है। इससे क्षेत्र में डेंगू फैलने का खतरा बना हुआ है। संयुक्त यात्रा बस अड्डा क्षेत्र में चारधाम यात्रा की अस्थायी पार्किंग स्थल, हाईवे पर जयराम आश्रम तिराहा के किनारे जलभराव है। पानी की निकासी के इंतजाम अभी नहीं हुए हैं।
नई टिहरी: साफ पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। जिन लोगों के घरों मे आरओ नहीं हैं, वे पानी के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर ही निर्भर हैं। मच्छरों को मारने के लिए अभी फॉगिंग भी शुरू नहीं हुई है। कलक्ट्रेट पुर्नवास कार्यालय, बौराड़ी स्टेडियम, केमसारी में कई स्थानों पर जल भराव है।
रुड़की: कई स्थानों पर भी जल भराव की स्थिति है। सिविल अस्पताल के गेट के बाहर ही काफी पानी जमा है। इससे बीमारियों का खतरा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रांत सिरोही का कहना है कि डेंगू से निपटने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
हरिद्वार:नगर निगम के 60 वार्डों के लिए महज पांच फागिंग मशीन ही हैं। इस कारण 15 से 30 दिन में एक बार ही फागिंग हो पाती है। डेंगू से निपटने के इंतजामों की स्थिति ये है कि नगर निगम परिसर में लगे गमलों में ही पानी भरा है। बरसात के पानी को गिराने तक की जहमत नहीं उठाई जा रही है।
चम्पावत: मच्छरों को मारने के लिए टनकपुर में हर शाम फॉगिंग जरूर हो रही है, लेकिन चम्पावत में फागिंग शुरू नहीं हुई है। टनकपुर शहर में चार स्थानों पर जल भराव हो रहा है। पानी निकासी के कोई इंतजाम नहीं है। नालियों में जगह जगह कूड़ा जमा है। पेयजल लाइनों में भी लीकेज की दिक्कत है।
पिथौरागढ़: शहर में 20 से अधिक स्थानों पर पानी भरा है। यहां मच्छर पनप सकते हैं। कुछ इलाकों में बारिश रूकने के बाद पानी खुद ही निकल जाता है। कुछ इलाकों में पानी लंबे समय तक जमा ही रहता है। कई जगह नालियां चोक होने से गंदगी सड़क पर बह रही है। इससे बीमारियों का खतरा है। सके अलावा सीवर ओवरफ्लो की भी समस्या बनी हुई है।
रुद्रप्रयाग: नालियों की नियमित सफाई नहीं हो रही है और पेयजल लाइन की लीकेज भी समय पर दुरूस्त नहीं की जाती। जलसंस्थान के फिल्टर के ठीक न होने की वजह से हल्की बारिश में नलों से गंदा पानी आने लगता है। जल संस्थान के ईई संजय सिंह के अनुसार, गंदे पानी की आपूर्ति होती है तो सप्लाई बंद कर दी जाती है।
बागेश्वर: शहर में पेयजल लाइनों में जगह जगह लीकेज की स्थिति है। स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के कोई इंतजाम नहीं हैं। नुमाईशखेत के पास पेयजल लाइन में लीकेज हैं। शहर में तीन स्थानों पर पानी भर रहा है। जिला अस्पताल के पास, भराड़ी टैक्सी स्टैंड व केमू स्टेशन रोड पर नालियां चोक हैं। नालियों की नियमित सफाई नहीं हो रही है।
ऊधमसिंह नगर: शहर में फागिंग को नगर निगम की ओर से चार मशीन रखी गई हैं। इनमें अभी तेल भरवाया जाएगा। उसके बाद ही फिर फागिंग होगी। शहर में मुख्य रूप से ट्रांजिट कैम्प, रम्पुरा, रविंद्र नगर में पानी का जमाव है। जल निगम द्वारा पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इससे स्वच्छ पानी दिया जाएगा।

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