उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेष समिति करीब साढ़े तीन घंटे तक देश के नागरिक कानूनों व विधि आयोग की रिपोर्टों पर गहन चर्चा हुई। माना जा रहा है कि समिति की अभी कुछ और शुरुआती बैठकें विचार-विमर्श और मंथन में गुजरेंगी।
उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में समिति यह बैठक नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में हुई। बैठक में समिति के सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विवि की कुलपति सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, तथा समिति के सदस्य सचिव अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा शामिल हुए। समिति के एक सदस्य के मुताबिक, बैठक में अभी निर्णय जैसी कोई बात नहीं है। समिति का मौजूद कानूनों व विधि आयोग की रिपोर्टों पर विचार-विमर्श और अध्ययन पर फोकस है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय कानूनों, उत्तराखंड राज्य अधिसूचना, विधि आयोग की रिपोर्ट इत्यादि पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। समिति की तीसरी बैठक की तारीख बेशक तय नहीं है, लेकिन यह अगले हफ्ते होगी।
सीएम धामी का भी विशेष जोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने पर विशेष जोर है। उनका मानना है कि समिति जो भी सुझाव देगी, उसमें राज्य के नागरिकों और हितधारकों के भी सुझाव लिए जाएंगे।
विशेष समिति की हुई दूसरी बैठक, राष्ट्रीय कानूनों व विधि आयोग की रिपोर्टों पर मंथन
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