खटीमा। फीस भारीभरकम मगर सुविधाएं कुछ नहीं। भीषण गर्मी में पंखे तक की पर्याप्त सुविधा नहीं। पंजीकरण तो छोड़िए इलाज के लिए डॉक्टर तक की तैनाती नहीं। झोलाछाप को ही इलाज के लिए लगा दिया गया। यह हाल नशा मुक्ति केंद्र का है। इसकी पोल तब खुली जब प्रशासन की टीम निरीक्षण के लिए पहुंची। अब केंद्र को सील कर दिया गया है।सितारंगज और किच्छा के नशा मुक्ति केंद्रों पर अनियमितताएं मिलने के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया है। शुक्रवार को एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट, तहसीलदार शुभांगिनी, उप जिला चिकित्सालय के डॉ. वीपी सिंह टीम के साथ पीलीभीत रोड पर शिव कॉलोनी नौगवांठग्गू स्थित लाइफ केयर नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे।41 मरीज भर्ती होने के बावजूद इस केंद्र में न तो क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट का पंजीकरण मिला और न ही डॉक्टर नियुक्त था। मरीजों की जांच पड़ताल वाले डॉक्टर भी अपंजीकृत होम्योपैथिक के बताए गए। जांच में सामने आया कि कि केंद्र में भर्ती मरीजों से छह से 14 हजार रुपये महीने वसूला जाता है। पता चला कि इस केंद्र को तीन लोग संचालित कर रहे हैं। केंद्र में भर्ती 41 मरीजों को अब नव ज्योति नशा मुक्ति केंद्र लालपुर किच्छा में शिफ्ट कर दिया गया है। नशा मुक्ति केंद्र संचालक पंजीकरण नहीं दिखा सके। कई अन्य अनियमितताएं भी पाई गई हैं। इस पर इसे सील कर दिया गया है। – रविंद्र सिंह बिष्ट, एसडीएम
इलाज के नाम पर अभिभावकों को कर रहे गुमराह
खटीमा। अपने नौनिहालों को नशे से मुक्ति दिलाने के कई लोग बिना मानकों की जांच पड़ताल के नशा मुक्ति केंद्रों पर भर्ती करा रहे हैं। कई लोगों का आरोप है कि अभिभावकों को इलाज के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। पुरनापुर के एक व्यक्ति का कहना था कि उसने अपने मरीज की सुविधा के लिए 14 हजार रुपये खर्च कर वीआईपी व्यवस्था कराई लेकिन मरीज ने बताया कि एक-दो दिन बाद उसे फिर सामान्य मरीजों के साथ शिफ्ट कर दिया गया। पीलीभीत के एक व्यक्ति ने कहा कि केंद्र में जो पंखे लगे भी हैं वो पर्याप्त नहीं हैं। वहां हमेशा घुटन सी महसूस होती है।
खटीमा में नशा मुक्ति केंद्र सील
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