फर्जी नियुक्ति पत्र के सहारे जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) की कुर्सी तक पहुंचने का मामला उजागर हुआ है। संदेह होने पर महिला डीपीओ से विभागीय अधिकारी ने पूछताछ की तो महिला जवाब देने के बजाय खिसक ली। डीएम के निर्देश पर पुलिस ने फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ नौकरी झटकने की कोशिश करने वाली महिला डीपीओ को चल्थी पुलिस ने हिरासत में लिया। पांच घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद दस्तावेज जब्त कर महिला को छोड़ दिया गया।
एक महिला शनिवार सुबह डीपीओ का नियुक्ति पत्र लेकर जिला कार्यक्रम विभाग पहुंची और अपने लिए आवास आवंटन करने के लिए कहा। कार्यालय के लिपिक ने उनसे नियुक्ति पत्र मांगा। संदेह होने पर उसने निदेशालय फोन किया तो वहां से किसी भी तरह की नियुक्ति से इनकार किया गया। प्रभारी डीपीओ आरपी बिष्ट ने महिला से सीडीओ कार्यालय चलने को कहा तो महिला कार में बैठकर भाग निकली। महिला के साथ तीन और लोग थे। यह महिला 19 जुलाई को फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ कलक्ट्रेट भी पहुंची थी। महिला को 39 किमी दूर चल्थी पुलिस चौकी ने दबोचा। चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह बिष्ट सहित कई पुलिस अधिकारियों ने पांच घंटे से लंबी पूछताछ की। एसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि पूछताछ के बाद महिला को शनिवार शाम छोड़ दिया गया है। अलबत्ता उनके दस्तावेज पुलिस ने अपने पास रख लिए हैं।डीपीओ के फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में संबंधित विभाग ने अब तक शिकायत नहीं की है लेकिन मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने अपने स्तर से जांच की और महिला से चल्थी चौकी में लंबी पूछताछ भी की। शनिवार को महिला को छोड़ा गया है लेकिन अभी इस मामले में उन्हें क्लीन चिट नहीं मिली है। जरूरी हुआ तो आगे भी पूछताछ की जाएगी। –देवेंद्र पींचा, एसपी, चंपावत।
फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर महिला चार दिन पहले कलक्ट्रेट पहुंची थी। तब पत्र पर जरूरी कार्रवाई के लिए सीडीओ को लिखा गया था। निदेशालय से पत्र के फर्जी होने की पुष्टि होने के बाद शनिवार को पूरे वाकये का पता चला। सच को सामने लाने के लिए मामले की जांच कराई जा रही है। -नरेंद्र सिंह भंडारी, डीएम, चंपावत।
खुद ठगी का शिकार तो नहीं हुई महिला
पहली नजर में फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिये ऊंची कुर्सी पाने की चाहत रखने वाली ऊधमसिंह नगर की 30 साल की इस महिला के खुद ही ठगी का शिकार होने का अंदेशा जताया जा रहा है। पुलिस पूछताछ में कुछ इस तरह के संकेत मिले हैं। बताते हैं कि महिला की मां भी इसी कार्यालय में कार्यरत है। देहरादून में किसी व्यक्ति द्वारा नौकरी का यह फर्जी नियुक्ति पत्र महिला को थमाया गया लेकिन इसके एवज में कितनी रकम वसूली गई इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है। अलबत्ता एसपी देवेंद्र पींचा का कहना है कि पुलिस दोनों पहलुओं से मामले की जांच कर रही है।