पंतनगर। भारत एवं नेपाल के संरक्षित क्षेत्रों जैसे शुक्ला फाटा नेशनल पार्क, वर्दिया नेशनल पार्क व बांके नेशनल पार्क के आसपास रहने वाले 30 पुरुष एवं 15 महिला किसानों सहित 80 से अधिक किसान खेती के गुर सीखने पंतनगर विवि पहुंचे हैं। यह किसान भारत-नेपाल मैत्री संबंधों के तहत तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून, वन विभाग एवं जूलॉजिकल सोसाइटी आफ लंदन की ओर से आयोजित कृषक प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम का शुभारंभ बृहस्पतिवार को सब्जी अनुसंधान केंद्र में विवि के निदेशक शोध डॉ. एएस नैन ने किया। डॉ. नैन ने दोनों देशों के किसानों को एकीकृत खेती से होने वाले लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कम क्षेत्र होने के बावजूद किसान किस तरह एकीकृत खेती से अधिक लाभ कमा कर अपना जीवन स्तर ऊंचा उठा सकता है।
प्रभारी अधिकारी सब्जी विज्ञान डॉ. ललित भट्ट ने किसानों को संरक्षित खेती की जानकारी दी। डॉ. भट्ट ने बताया कि संरक्षित खेती से प्राप्त सब्जी की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी होती है जिससे सब्जियों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है। सब्जी अनुसंधान के वैज्ञानिक डॉ. धीरेंद्र सिंह ने सब्जी उत्पादन के लिए नर्सरी प्रबंधन के बारे में किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि सब्जी उत्पादन के लिए नर्सरी पौध का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है।
वैज्ञानिक डॉ. एसके मौर्य ने सब्जी की खेती से अधिक उत्पादन करने की नई तकनीकों की गहन जानकारी दी। भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने इस प्रशिक्षण के उद्देश्यों से परिचित कराया। नेपाल टीम की अगुवाई जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन नेपाल के संदीप महर्जन कर रहे हैं। कार्यक्रम में भारतीय वन्यजीव संस्थान से वरिष्ठ शोधार्थी विवेक रंजन, थान सिंह अधिकारी, देवेंद्र सिंह गौनिया, हिमांशु कुमार, थान सिंह, गोविंद्र सिंह आदि मौजूद हैं।
नेपाल के संरक्षित क्षेत्रों से खेती के गुर सीखने पंतनगर पहुंचे किसान
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