अग्निपथ योजना के तहत शनिवार से रानीखेत के सोमनाथ मैदान में सैन्य भर्ती रैली शुरू हो गई है। पहले दिन कुमाऊं मंडल के चार जिलों से जुड़े तहसीलों के युवाओं की ट्रेडमैन पदों के लिए भर्ती शुरू हुई जो शाम तक चलती रही। जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार ट्रेडमैन के लिए चार जिलों से कुल 3662 युवाओं ने पंजीकरण कराया था।
एआरओ अल्मोड़ा के अंतर्गत सोमनाथ मैदान में पहले दिन अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिलों के सभी तहसीलों के युवाओं के लिए अग्निवीर ट्रेडमैन पदों के लिए भर्ती हुई। रैली में पहले दिन 3662 युवाओं ने पंजीकरण कराया था जिसमें 2347 युवाओं ने दौड़ लगाई। हालांकि बारिश के चलते दौड़ देर से शुरू हो पाई। इस कारण शनिवार को देर शाम तक दौड़ का सिलसिला चलता रहा। जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि रैली के आयोजन में प्रशासन का पूरा सहयोग रहा। समाचार लिखे जाने तक दौड़ में सफल अभ्यर्थियों का आंकड़ा जारी नहीं हो सका था।
आज अग्निवीर टेक्निकल, क्लर्क, एसकेटी पदों के लिए होगी दौड़
अग्निवीर टेक्निकल, क्लर्क और स्टोरकीपर (एसकेटी) पदों के लिए आज भर्ती होगी। इसमें भी अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल तथा ऊधम सिंह नगर की तहसीलों के युवा भाग लेंगे। भर्ती के लिए युवाओं का यहां पहुंचना शुरू हो गया है। यहां बारात घरों और विद्यालयों में रहने-खाने की व्यवस्था की गई है।
बारिश से कई युवाओं के अग्निवीर बनने के सपनों पर फिरा पानी
बारिश ने अग्निवीर भर्ती में पहुंचे युवाओं के सपनों पर पानी फेर दिया। शुक्रवार तड़के बारिश के बीच कई युवाओं के प्रवेश पत्र भीग गए और इससे वह भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके।दो साल बाद नए सिरे से अग्निपथ योजना के तहत हो रही भर्ती को लेकर कुमाऊं मंडल के चारों जिलों के युवा जोश से लबरेज थे। पर बारिश के बीच प्रवेश पत्र खराब होने के कारण कई युवाओं का सेना में जाने का सपना टूट गया। युवा बोले कि बारिश के कारण मैदान गीला होने से दौड़ में भी परेशानी हुई। बता दें कि 2020 फरवरी में यहां ओपन भर्ती हुई थी लेकिन कोविड के चलते लगातार लिखित परीक्षा टलती रही और दो साल बाद केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के रूप में नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की है
खाना और रहने की व्यवस्था से युवा भी दिख रहे संतुष्ट
रानीखेत के सोमनाथ मैदान में पिछले कई सालों से नियमित भर्ती रैली आयोजित की जाती रही है लेकिन इस बार व्यवस्थाएं पूरी तरह से चाक चौबंद हैं। प्रशासन ने कई विद्यालयों और बरातघरों का अधिग्रहण किया है जहां खाना और रहना उचित दरों पर किया जा रहा है। भर्ती युवकों को भी प्रशासन की यह मुहिम पसंद आ रही है।
मौसम साथ देगा तो सफलतापूर्वक संपन्न होगी भर्ती
संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन का कहना है कि व्यवस्थाएं ठीक हैं। टैक्सी चालकों, रेस्टारेंट तथा ढाबा संचालकों को अधिक दाम नहीं वसूलने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके थे। बस मौसम साथ दे दे तो यह भर्ती रैली सफलतापूर्वक संपन्न करा ली जाएगी। इसके लिए उन्होंने तमाम विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।
तहसीलवार भर्ती होने से काफी राहत
तहसीलवार भर्ती रैली से दिक्कतें काफी कम हो गई हैं। यह व्यवस्था साल 2020 में शुरू की गई थी, इससे पूर्व की भर्तियों में जिला स्तर पर भर्तियों का आयोजन होता था और ज्यादा युवाओं के अचानक पहुंचने से तमाम अव्यवस्थाएं देखने को मिलती थी। तहसीलवार भर्ती होने से व्यवस्थाएं चाकचौबंद हो गई हैं।
युवाओं का कहना:
अग्निपथ योजना ठीक है। भर्ती के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहा था लेकिन बारिश के कारण प्रवेश पत्र भीग गया, तड़के दूसरे प्रवेशपत्र के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाई, इस कारण वह भर्ती में भाग नहीं ले सके। – मोहित बिष्ट, अल्मोड़ा।
लगातार चौथी भर्ती में प्रवेश लिया है। दो साल पहले 2020 में भी रानीखेत में भर्ती हुई थी। री-मेडिकल में फिट हो गया था लेकिन लिखित परीक्षा निरस्त हो गई। –शुभम सिंह राणा, नानकमत्ता।
भर्ती का लंबे समय से इंतजार था। देश सेवा का जज्बा बचपन से ही था। इस बार उम्मीद थी लेकिन बारिश के कारण प्रवेश पत्र भीग गया। इस कारण बाहर होना पड़ा।- कमल सिंह, कमोला नैनीताल।
पिछली सेना भर्ती में रिटर्न तक पहुंच गया था लेकिन लिखित परीक्षा निरस्त हो गई। अग्निपथ योजना ठीक है, लेकिन पिछली भर्ती का रिटर्न कराया जाना चाहिए था। – मदन बिष्ट, अल्मोड़ा।
-हर युवा का सेना में जाने का सपना होता है। मैं भी यह सपना पाले यहां पहुंचा था लेकिन दौड़ में रह गया। यह मेरा पहला प्रयास था, भविष्य में और ज्यादा मेहनत करूंगा। प्रशासन की व्यवस्थाएं बेहतर थीं। – तरुण राज ,ऊधम सिंह नगर
हर कोई देश सेवा करना चाहता है। सेना भर्ती में मेरा दूसरा प्रयास था लेकिन दौड़ में रह गया। मैदान भी गीला हो गया था जिससे दौड़ देर से शुरू हो पाई। अग्निपथ योजना युवाओं के भविष्य के लिए ठीक है। – अरुण लोहिया, लालकुआं
-बारिश के कारण खासी परेशानी झेलनी पड़ी। पहली बार सेना भर्ती के लिए दौड़ रहा था लेकिन बारिश बाधक बन गई। इस कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। – प्रशांत कुमार, काशीपुर सुल्तानपुर पट्टी