यूकेएसएसएससी (UKSSSC) के बाद अब वन दरोगा भर्ती में भी पेपर लीक का मामला सामने आया है। वन दरोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में नकल का धंधा एजेंसी, निजी परीक्षा केंद्रों एवं कक्ष निरीक्षकों के गठजोड़ से चल रहा था। नकल का यह खेल हरिद्वार, नैनीताल एवं अल्मोड़ा के केंद्रों पर चल रहा था। एसटीएफ की प्राथमिक जांच में इसकी पुष्टि हुई है। कई छात्रों एवं केंद्रों को चिन्हित किया गया है। कुछ नकल माफिया को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इनकी जल्द गिरफ्तारी कर बड़े खुलासे हो सकते हैं। वहीं भर्ती को लेकर लाखों रुपये अभ्यर्थियों से लिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक 15 से 25 लाख रुपये तक लिए गए हैं। यूकेएसएसएससी (UKSSSC) की ओर से यह परीक्षा कराई गई थी।
रविवार रात दरोगा राजेश ध्यानी की ओर से केस दर्ज कराया गया है। सूचना विभाग से जारी मीडिया बयान में बताया गया कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी मैसर्स एनएसईआईटी लि. की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच में मिले हैं। वहीं कुछ निजी संस्थानों जहां पर परीक्षाएं हुई, उन्हें भी चिन्हित कर लिया है। इस ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात, पश्चिमी यूपी और दिल्ली के लोग शामिल हैं। इस गैंग में निजी संस्थानों में जहां सेंटर थे, ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग, कक्ष निरीक्षक एवं परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध पाए गए हैं। पूर्व सचिव संतोष बडोनी-कंपनी से भी पूछताछ आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी और परीक्षा संचालित कराने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों से पूछताछ की गई।
जिसमें परीक्षा से जुड़ी तमाम सावधानी के बावजूद गड़बड़ी को लेकर सवाल किए गए। अब तक की जांच में परीक्षा सेन्टरों पर एक आईपी से अभ्यर्थी अनुज कुमार पुत्र ऋषिपाल निवासी टोडा कल्याणपुर रुड़की। दीक्षित कुमार पुत्र रमेश चन्द्र निवासी जमालपुर खुर्द, हरिद्वार, मो. जिशान पुत्र मुस्तकीम निवासी नगलाखुर्द, हरिद्वार मो. मजीद निवासी जोरासी मस्त लंढौरा, रुड़की और दूसरी आईपी से परीक्षार्थी सचिन कुमार निवासी तेलीवाला, शिवदासपुर हरिद्वार, शेखर कुमार निवासी पोडोंवाली रायसी, लक्सर, हरिद्वार द्वारा उत्तर क्लिक करते समय एक जैसे आंसरिंग पैटर्न की बात सामने आयी है।
दागी एजेंसी को ठेका देने पर कटघरे में आयोग
एनएसईआईटी एजेंसी एमपी में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा कराई गई कई परीक्षाओं में विवादित रही है। पीईबी द्वारा आयोजित वरिष्ठ-ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी नर्सिंग समेत तीन भर्तियों को निरस्त करने में एजेंसी पर भी कार्रवाई हुई थी। उधर, एसटीएफ ने भी एजेंसी के सम्बंध में एमपी में सम्पर्क कर डिटेल मांगी है। बेरोजगार संगठन के नेता बॉबी पंवार ने भी इस बारे में एजेंसी पर सवाल उठाते हुए रायपुर थाने में अगस्त 2021 तहरीर दी थी। आयोग के अफसरों को कटघरे में खड़ा किया गया था। अब वह दरोगा भर्ती में एजेंसी की भूमिका संदिग्ध आने पर आयोग द्वारा चयन पर सवाल खड़े हो गए है कि क्या एजेंसी का पहला इतिहास नहीं देखा गया।
UKSSSC के बाद वन दरोगा भर्ती में लाखाें के बिके थे पेपर, STF जांच में खुले राज
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