ऋषिकेश में लंपी की बीमारी गायों का मरने का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। विभाग का दावा है कि अभी तक करीब 2100 गायों पर वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। 179 गाय बीमारी की चपेट में आ चुकी हैं। अब तक चार संक्रमित गाय दम तोड़ चुुकी है। इसमें से कई गायों को उपचार भी नहीं मिल पाया। एक पशुपालक महिला ने पशु चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। नेहरुग्राम निवासी सीमा गुसाईं ने बताया कि उनकी एक गाय दो सितंबर से लंपी की बीमारी से ग्रस्त थी। वह राजकीय पशु चिकित्सालय में गाय के लिए दवाई के लिए गईं, यहां उन्हें चिकित्सकों ने कोई दवाई नहीं दी। जब गाय ज्यादा बीमार हो गई तो उन्होंने डॉक्टर और फार्मेसिस्ट को घर पर आकर गाय को इंजेक्शन लगाने की गुहार लगाई, लेकिन कोई मौके नहीं आया। पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारियों को फोन करने के बाद 10 सितंबर की शाम को राजकीय पशु चिकित्सालय से डॉक्टरों की टीम आई। गाय को दवाई दी, टीका लगाया, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। सोमवार दोपहर को गाय ने दम तोड़ दिया। सीमा देवी गुसाईं ने इसके लिए पशुपालन विभाग के डॉक्टर और फार्मेसिस्ट को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि यदि समय इलाज मिल जाता तो वह गाय नहीं मरती। 12 सितंबर को मैं देहरादून से दवाई लेकर आया। उसी दिन नेहरुग्राम में गाय को दवाई देकर टीका भी लगाया गया। लंपी की बीमारी नियंत्रित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। – डॉ. अमित वर्मा, पशु चिकित्सक
लंपी की बीमारी: दस दिन बीमारी से जूझती रही गाय मरी
RELATED ARTICLES