नैनीताल। तल्लीताल स्थित गुफा महादेव मंदिर परिक्षेत्र में बृहस्पतिवार को विशाल बोल्डर गिरने से लोगों में दहशत है। हालांकि इससे कोई घायल नहीं हुआ। इसके समीप स्थित दरारों वाले बोल्डर को लेकर क्षेत्र के लोग खौफजदां हैं। क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। नगर के बलियानाला, वीरभट्टी मार्ग में लगातार हो रहे भूस्खलन से हरिनगर, जीआईसी समेत गुफा महादेव क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं। यहां हुए भूस्खलन के बाद समीप की पहाड़ियों में दरार तथा आंशिक झुकाव भी बढ़ गया है। वीरभट्टी मार्ग के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद प्रशासन की ओर से जीआईसी से सिपाहीधारा होते हुए वैकल्पिक पैदल मार्ग बनाया गया है। सिपाहीधारा से वीरभट्टी मार्ग को जोड़ने वाले मार्ग में ठीक ऊपर एक विशाल बोल्डर में काफी दरारें पड़ चुकी हैं जो कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकता है। अमर उजाला ने पिछले दिनों इस बोल्डर के खतरों को लेकर फोटो सहित समाचार भी प्रकाशित किया था।
बृहस्पतिवार को इसी पहाड़ के समीप से भारी भरकम बोल्डर नीचे गिरा। दोपहर दो बजे हुई घटना के दौरान बोल्डर कपिल भवन के पास से होता हुआ सड़क व रेलिंग को क्षतिग्रस्त कर रुक गया। कुछ ही दूरी पर क्षेत्र निवासी महिला नीलम रावत व प्रभा भी थीं। संयोग से उन्हें कुछ नहीं हुआ लेकिन महिलाओं की चीख सुनकर समीप में डीएसबी कृषि विभाग के विद्यार्थी समेत क्षेत्र के लोग मौके पर पहुंच गए। क्षेत्र की रेखा जोशी ने बताया कि बोल्डर कपिल भवन के पास से लुढ़कता हुआ लगभग पांचवें बैंड में गुफा महादेव मंदिर को जाने वाले मार्ग पर गिरा। मार्ग पर बड़ा गड्ढा हो गया है। रेलिंग की वजह से पत्थर की गति कम हुई, अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी। वार्ड के सभासद कैलाश रौतेला ने एसडीएम व तहसीलदार को बोल्डर गिरने की सूचना दी है। पूर्व पालिका उपाध्यक्ष डीएन भट्ट, रेनू जोशी, हरीश बिष्ट, चंद्रमोहन जोशी, चंद्रमोहन लोहनी, कैलाश जोशी आदि ने जिला प्रशासन से दुर्घटना से सबक लेते हुए बड़े बोल्डर की सुरक्षा करने की मांग की है।
बारिश के चलते बल्दियाखान के समीप आया मलबा, यातायात बाधित
नैनीताल। बीते चौबीस घंटे में जिले भर में नैनीताल और धारी तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश रिकार्ड की गई है जबकि रामनगर और कालाढूंगी में सबसे कम बारिश हुई है। बृहस्पतिवार को भी नैनीताल में सुबह से लेकर शाम तक रुक रुक कर बारिश होती रही जिसके चलते पर्यटक गतिविधियां प्रभावित हुईं और जनजीवन अस्त व्यस्त बना रहा। बदले मौसम के कारण ठंड में भी इजाफा होने लगा है। नैनीताल -हल्द्वानी एनएच पर बल्दियाखान के समीप मलबा आने से यातायात कुछ देर तक प्रभावित रहा।
नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में बुधवार की देर रात से बारिश शुरू हो गई थी। बारिश के चलते बृहस्पतिवार की सुबह बल्दियाखान के समीप मलबा आ गया जिससे वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ज्योलीकोट के समीप भी सड़क में मलबा गिरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सूचना मिलने पर एनएच की टीम ने जेसीबी मशीन से सड़क पर आए मलबे को हटवाया। एनएच के सहायक अभियंता मदन थापा ने बताया कि जहां मलबा गिरा था उसे साफ करा दिया गया है। मलबा हटाने के लिए एनएच पर अलग अलग स्थानों पर तीन जेसीबी मशीनें खड़ी की गई हैं।
बृहस्पतिवार को भी दिन भर रुक- रुक कर बारिश होती रही और शहर में कोहरा छाया रहा। इससे एक ओर ठंड में इजाफा हुआ है वहीं दूसरी ओर जनजीवन अस्त व्यस्त बना रहा। पर्यटन गतिविधियों पर भी बारिश का असर देखा गया। बाजारों और पिकनिक स्पाटों पर भी अन्य दिनों की तुलना में भीड़ कम रही।
जिले के सात ग्रामीण मार्ग बंद
नैनीताल। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश के चलते जिले के सात ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए बंद हैं। इनमें हैड़ाखान-सिमलिया साननी, अमृतपुर-जमरानी, कौंता ककोड़-हरीशताल, वजून-अधौड़ा, खैरना-बेतालघाट-रोपा, लोहाली-थुवा ब्लाक व फतेहपुर-बेलबसानी रोड शामिल हैं।
चौबीस घंटे में कहां कितनी हुई बारिश
नैनीताल 51 एमएम, हल्द्वानी 33 एमएम, कोश्या कुटौली 28 एमएम, धारी 50 एमएम, बेतालघाट 30.2 एमएम, रामनगर 7.8 एमएम, कालाढूंगी 6 एमएम, मुक्तेश्वर 31.6 एमएम।
महीने भर से बंद है अमृतपुर-जमरानी रोड
नैनीताल। अमृतपुर-जमरानी रोड को बंद हुए महीना भर हो चुका है। सड़क बंद होने के कारण 12 से अधिक गांवों के लोग प्रभावित हैं। स्कूली बच्चों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अमृतपुर के सामाजिक कार्यकर्ता राजू पलड़िया ने बताया कि 18 अगस्त को डहरा के पास मलवा आने और सड़क टूटने से रोड पर यातायात ठप हो गया था। बताया कि इससे डहरा, अमिया, भौर्सा, पिनरौं, बानना, पस्तोला और उड़वा समेत कई गांवों के लोग प्रभावित हैं। गांव के लोगों को कृषि उत्पादों को हल्द्वानी मंडी तक पहुंचाने के लिए पहले एक गाड़ी से डहरा तक लाना पड़ रहा है और उसके बाद क्षतिग्रस्त सड़क के दूसरी ओर से दूसरी गाड़ी से मंडी तक पहुंचाना पड़ रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि सड़क खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई है। उम्मीद है कि बीस सितंबर तक सड़क ठीक करा दी जाएगी।
बारिश से कहीं मलबा आया, कहीं बोल्डर गिरा
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