उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में नर्सों के खाली 2800 पदों को वरिष्ठता के आधार पर भरने का रास्ता साफ हो गया है। न्याय विभाग की राय के बाद सरकार नैनीताल हाईकोर्ट में इस संदर्भ में जबाव दाखिल करने जा रही है। राज्य में तीन साल पहले नर्सों की भर्ती परीक्षा के जरिए करने का निर्णय हुआ था। इसके लिए विज्ञप्ति निकली लेकिन परीक्षा नहीं हो पाई। युवाओं के विरोध को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की नियमावली में बदलाव कर परीक्षा वरिष्ठता से कराने का निर्णय लिया। लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग की नियमावली में बदलाव न होने की वजह से भर्ती नहीं हो पाई।
पिछली सरकार की आखिरी कैबिनेट में चिकित्सा शिक्षा विभाग की नियमावली को भी बदलने का निर्णय ले लिया गया था। लेकिन उसके शासनादेश में समय लग गया। इस बीच लिखित परीक्षा के विरोध में कई छात्र नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गए। भर्ती को लेकर आ रही तमाम अड़चनों को देखते हुए हाल में शासन में बैठक हुई जिसमें नैनीताल हाईकोर्ट में लगे केस और अन्य सभी अड़चनों पर न्याय विभाग से राय लेने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद अब न्याय विभाग ने वरिष्ठता से भर्ती करने पर सहमति देते हुए प्रक्रिया शुरू करने से पहले नैनीताल हाईकोर्ट में भी इस संदर्भ में जबाव दाखिल करने की राय दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस संदर्भ में अब जल्द नैनीताल हाईकोर्ट में जबाव दाखिल किया जा रहा है। दो बार भर्ती एजेंसी बदली, तीन बार नियम नर्सों की भर्ती पहले चिकित्सा चयन आयोग से कराने का निर्णय लिया गया था लेकिन जैसे ही परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई सरकार ने परीक्षा की जिम्मेदारी प्राविधिक शिक्षा परिषद को दे दी। बाद में सरकार ने फिर निर्णय बदला और परीक्षा चिकित्सा चयन आयोग को दे दी। इसी तरह नियमों में भी तीन बार बदलाव किए गए। पहले अभ्यर्थियों के लिए एक साल के अनुभव और टीडीएस कटौती की शर्त रखी गई।
चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की मांग
देहरादून। भाजपा नेता रवीन्द्र जुगरान के नेतृत्व में चयनित अभ्यर्थियों ने बुधवार को उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष डा प्रकाश थपलियाल से मुलाकात कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। जुगरान ने बताया सहायक अध्यापक, कनिष्ठ सहायक और स्टेनो को मिलाकर करीब नौ सौ अभ्यर्थी ज्वाईनिंग का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी का नुकसान दूसरे युवाओं को नहीं होना चाहिए।
इस आधार पर भरे जाएंगे सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में नर्स, 28 सौ पदों पर होगी भर्ती
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