परिवहन निगम ने कर्मचारियों के विरोध के बीच रुड़की की आउटसोर्सिंग एजेंसी से भर्ती की राह खोल दी है। पहले स्मार्ट सिटी की बसों के संचालन को एजेंसी से 80 कंडक्टर मांगे गए हैं। वहीं, पहले से काम कर रहे 75 ड्राइवरों से भी इसी एजेंसी के माध्यम से सेवाएं ली जाएंगी। परिवहन निगम ने ड्राइवर, कंडक्टरों के खाली पदों पर भर्ती के लिए रुड़की की एक आउटसोर्सिंग एजेंसी एमकेएसएस को ठेका दिया था। इस एजेंसी ने भर्ती का विज्ञापन भी जारी कर दिया था। इस बीच उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन सहित कई संगठन इसके विरोध में उतर आए। उनका कहना था कि परिवहन निगम आउटसोर्सिंग से भर्ती के बजाय स्थायी भर्ती करे। पहले से काम कर रहे युवाओं को स्थायी करे। विरोध के बीच परिवहन निगम ने आश्वासन दिया था कि अगले आदेश तक आउटसोर्सिंग एजेंसी से कोई भर्ती नहीं की जाएगी।
अब निगम ने आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जेड सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से निगम में कार्यरत 75 ड्राइवरों को अब इसी नई एजेंसी के अधीन किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने देहरादून, काठगोदाम व टनकपुर के मंडल प्रबंधक को इस संबंध में आदेश भेजा है। चूंकि परिवहन निगम स्मार्ट सिटी की ई-बसों को कंडक्टर उपलब्ध कराता है। लिहाजा, निगम ने इन बसों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी से 80 कंडक्टरों की डिमांड की है। निगम महाप्रबंधक दीपक जैन के मुताबिक, इसके बाद जहां भी जरूरत होगी, उसी हिसाब से एजेंसी के माध्यम से ड्राइवर, कंडक्टर लिए जाएंगे। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि उनसे निगम के एमडी की अध्यक्षता में समझौता हुआ था कि एजेंसी के माध्यम से रोडवेज में ड्राइवर, कंडक्टर नहीं लेगा। अगर निगम इस समझौते का उल्लंघन करेगा तो यूनियन एस्मा की परवाह नहीं करेगी, आंदोलन करेगी।