Saturday, November 2, 2024
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अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार का पुतला फूंका

नैनीताल। हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने के राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) के फैसले के विरोध में बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने बार एसोसिएशन सभागार के बाहर प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार का पुतला फूंका। बार सभागार भवन के समीप हुई बैठक में अधिवक्ता योगेश पचौलिया ने कहा कि पहाड़ हित के लिए बने उत्तराखंड राज्य में एकमात्र हाईकोर्ट ही ऐसा संस्थान है जो स्थायी है और पहाड़ में बसा है। पहाड़ी राज्य के निवासियों की ओर से सत्तासीन की गई भाजपा सरकार ने इसे भी मैदान में शिफ्ट करने का फैसला लिया है जो अन्यायपूर्ण है। यह फैसला अधिवक्ताओं को विश्वास में लिए बगैर लिया गया है जिसका पुरजोर विरोध करते हैं। अधिवक्ता मजबूती से इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं।बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव डीएस मेहता ने कहा कि सरकार का यह निर्णय पलायन को और बढ़ावा देगा। अभी तक पहाड़ से 30 लाख लोग पलायन कर चुके है और 1000 गांव बंजर हो चुके है। सरकार एक ओर पलायन नीति बनाती है जबकि दूसरी ओर लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर कर रही है। पहाड़ से प्रदेश की न्यायिक राजधानी को शिफ्ट करना जनभावनाओं के विपरीत है। पूर्व सांसद डा. महेंद्र सिंह पाल ने कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं, इसकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। सरकार ने इसके लिए किसी से पूछा तक नहीं। आरोप लगाया कि इसमें स्थानीय विधायकों तक से राय नहीं ली गई। राज्य आंदोलनकारी रमन कुमार साह ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ कानूनी तौर पर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी। राज्य सरकार जितनी धनराशि हाईकोर्ट स्थानांतरित करने में खर्च करेगी, उसका कुछ हिस्सा नैनीताल की सुविधाओं पर खर्च करे तो प्रदेश का हाईकोर्ट देश-विदेश में प्रतिष्ठित होगा। चेतावनी दी कि इसके लिए राज्य आंदोलन की तर्ज पर लड़ाई लड़ी जाएगी। बैठक के बाद राज्य सरकार का पुतला फूंका गया। इस दौरान हाईकोर्ट को शिफ्ट नहीं करने को लेकर राष्ट्रपति व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी ज्ञापन भेजा गया। प्रदर्शनकारियों में पुष्पा जोशी, डीएस मेहता, मनीषा भंडारी, नीतू सिंह, अमर शुक्ला, बीएम पिंगल, रोहित गौड़, विनोद जोशी, अनिल मेर, मन्ना सुयाल, सौरभ पांडेय आदि रहे।हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट बार सभागार के गेट के समीप प्रदर्शन कर भाजपा सरकार का पुतला फूंका।
विधायक सरिता ने सीएम के समक्ष रखी पीड़ा
नैनीताल। क्षेत्रीय विधायक सरिता आर्या ने बृहस्पतिवार को कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट हटाना बेमकसद है। बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष देहरादून में अपनी राय रखी है। सरिता आर्या ने कहा कि उन्होंने सीएम से इस बात पर आश्चर्य और दुख जताया कि नैनीताल के संबंध में इतना बड़ा निर्णय लेने में क्षेत्र की जनता, अधिवक्ताओं और यहां की विधायक से भी राय नहीं ली गई। सरिता आर्या ने बताया कि मुख्यमंत्री का कहना था कि नैनीताल में जाम की बड़ी समस्या है। कई बार हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं, इसलिए हाईकोर्ट नैनीताल से हटाया जा रहा है। विधायक सरिता ने कहा कि हाईकोर्ट से नैनीताल के हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा है। इससे नैनीताल की देश-विदेश तक में विशिष्ट और महत्वपूर्ण पहचान भी स्थापित हुई है।
आप ने विधायक सरिता से मांगा इस्तीफा
नैनीताल। कैबिनेट की ओर से नैनीताल से हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने के फैसले की आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने निंदा की है। आप के नेता व राज्य आंदोलनकारी शाकिर अली, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुमार दुम्का, हरीश बिष्ट आदि ने इस निर्णय को उत्तराखंड राज्य की मूल अवधारणा के विपरीत बताया। कहा कि विधायक सरिता आर्या ने नैनीताल का पक्ष उचित तरीके से नहीं रखा है। उन्होंने विधायक सरिता से नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र देने की मांग उठाई है।

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