सचिवालय सहकारी आवासीय समिति की 128 बीघा जमीन में प्लॉट पर कब्जा न मिलने के मामले में उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने समिति अध्यक्ष पर 18 लाख का जुर्माना लगाया है। रेरा ने यह कार्रवाई प्लॉट खरीदने वाले राजभवन में तैनात निजी सचिव की शिकायत पर की है। राजभवन में निजी सचिव केएल नौबियाल ने 28 मार्च 2017 को सचिवालय सहकारी आवास समिति में 238.55 गज प्लॉट 32 लाख 20 हजार 359 रुपये में खरीदा था। उन्होंने कब्जा न मिलने पर रेरा में 15 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि लगातार कहने के बावजूद आज तक प्लॉट पर कब्जा नहीं मिला। मामले में उन्होंने उत्तराखंड सचिवालय सहकारी आवासीय समिति के अध्यक्ष प्रदीप पपनै को पक्षकार बनाया था। रेरा में नरेश सी मठपाल की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुनाया है।
खंडपीठ ने आदेश दिया है कि 45 दिन के भीतर शिकायतकर्ता नौबियाल को प्लॉट पर भौतिक कब्जा दिया जाए। इसके साथ ही कुल भुगतान की गई धनराशि पर विलंब ब्याज के साथ 18 लाख 82 हजार 44 रुपये का भुगतान भी किया जाए। मामले में समिति के अध्यक्ष प्रदीप पपनै ने बताया कि जो जमीन खरीदी गई थी, उसका नियमानुसार रेरा में पंजीकरण कराया गया था। कुछ भूमाफियाओं ने उनके इस प्रोजेक्ट में अड़चन डाली, जिस वजह से समय पर किसानों को जमीन का भुगतान नहीं हो पाया था। उन्होंने बताया कि 225 लोगों को उनके प्लॉट पर कब्जा दिया जा चुका है। 120 लोगों को कब्जा देना बाकी है, जिसमें नौबियाल का नाम भी शामिल है। उन्हें एक-दो दिन के भीतर ही कब्जा दे दिया जाएगा।
भारूवाला ग्रांट में समिति ने खरीदी थी 128 बीघा जमीन
उत्तराखंड सचिवालय सहकारी आवासीय समिति ने कारगी के निकट भारूवाला ग्रांट में 128 बीघा जमीन खरीदी थी। इस जमीन को समिति ने नियमानुसार रजिस्टर्ड कराया था। इसका मकसद था कि यहां केवल सरकारी कर्मचारी व अधिकारी ही आवास बना सकेंगे।
सचिवालय सहकारी समिति के अध्यक्ष पर लगाया 18 लाख का जुर्माना
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