Tuesday, November 5, 2024
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कूड़े की आग बुझाने के इंतजाम धुआं-धुआं

हल्द्वानी। ट्रंचिंग गाउंड में एक लाख मीट्रिक टन ढेर में सुलग रही आग नगर निगम की तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं बुझ पा रही है। यहां धधक रही आग से उठ रहा जहरीला धुआं लगातार हवा में जहर घोल रहा है। लगातार पानी डालने के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। नगर निगम ने ट्रंचिंग ग्राउंड में लगी आग बुझाने के लिए शुक्रवार को दो पोकलैंड, दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां, दो जेसीबी और दो टैंकर भेजे। मगर उसके यह इंतजाम आग बुझाने में नाकाफी साबित हुए और जहरीला धुआं लगातार यहां से उठता रहा। दमकल कर्मियों ने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि आग पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए कूड़े को खोदना पड़ेगा जिससे पानी अंदर तक जा सके। जेसीबी और पोकलैंड की मदद से कूड़े को लगातार हटाया जा रहा था। शाम तक कूड़े का जलना जारी था और धुआं लगातार उठ रहा था। इधर मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल भी पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। नगर आयुक्त ने कर्मचारियों को निर्देश दिए कि आग बुझाने का काम लगातार जारी रखा जाए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि आग पर कुछ दिनों में पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा।
कोट
ट्रंचिग ग्राउंड में आग बुझानेे के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कूड़े के ढेर को ऊपर से भी हटाकर भी पानी डाला गया है। इसके अलावा दीर्घकालिक योजना भी तैयार की जा रही है, जिससे अगर कोई समस्या आए तो तत्काल और प्रभावी ढंग से आग बुझाने का कार्य हो सके। मौके पर देखा गया था कि कुछ लोगों ने ट्रंचिंग ग्राउंड के बाहर कूड़ा फेंका हुआ था, ऐसे में वाहनों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की तैयारी है। – पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त।
पहाड़ों के पास धुंआ उठना ग्लेशियरों के लिए भी खतरनाक : डॉ. कुनियाल
हल्द्वानी। हल्द्वानी पहाड़ों की तलहटी में बसा है और यहां ट्रंचिंग ग्राउंड से धुआं उठ रहा है। वैज्ञानिक इसे ग्लेशियरों के लिए खतरनाक मान रहे हैं। जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल के हिमालयी प्रदूषण वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने बताया कि इंडो-गंगा प्लेट में इस समय फॉग चल रहा है। इस समय हवाओं का रुख ज्यादातर हिमालय की ओर रहता है। हिमालय के आसपास अगर कहीं लगातार धुआं उठ रहा है तो उसके कार्बन कण हवा के साथ ग्लेशियरों तक पहुंच सकते हैं। ग्लेशियरों पर कार्बन कण चिपकने से उसके पिघलने की दर बढ़ जाती है। कहा कि पहाड़ों के पास अगर लगातार धुआं उठ रहा है तो ये हिमालय के लिए सही नहीं है।
गौलापार और बनभूलपुरा के लोग हुए परेशान
ट्रंचिंग ग्राउंड से जहरीला धुआं निकल रहा है। ये केवल बनभूलपुरा वालों के लिए नहीं बल्कि आसपास के सभी क्षेत्र के लिए नुकसानदायक है। लोगों को सांस लेने तक में परेशानी हो रही है। – नफीस अहमद खान, बनभूलपुरा।
धुंए की वजह से धुंध छा जाती है। सुबह के समय दृश्यता बहुत कम हो जाती है। दमा के मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। नगर निगम स्थिति पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा है। – सिराज अहमद।
ट्रंचिंग ग्राउंड गौलापार के ठीक सामने है। जब हम हल्द्वानी की ओर जा रहे हैं तो ग्राउंड के सामने से निकलना मुश्किल हो रहा है। नगर निगम आग बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है। – नीरज रैक्वाल, गौलापार निवासी।
जब हवा गौलापार की ओर बहती है तो धुआं इधर की ओर आने लगता है। गौलापार में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। खेतों की फसलों को भी नुकसान हो रहा है। – उमा, ग्राम प्रधान, सुंदरपुर।

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