रुद्रपुर। खेड़ा के 25 अतिकुपोषित बच्चों के लिए सामुदायिक भवन में परवरिश केंद्र खोल दिया गया है। इसमें 31 मार्च तक सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक अतिकुपोषित बच्चों को खिचड़ी, अंडा और दूध का सेवन कराया जाएगा। सोमवार को परवरिश केंद्र का शुभारंभ जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने फीता काटकर किया। बाल विकास परियोजना अधिकारी आशा नेगी ने महिलाओं को जागरूक करने के लिए परवरिश केंद्र आने के लिए प्रेरित किया। डायटीशियन विभा सिंह ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार के बारे में बताया। आईएसडी संस्था की परियोजना निदेशक बिंदुवासिनी ने बताया कि परवरिश केंद्र में खेड़ा के चार अतिकुपोषित लड़के व 21 लड़कियां पंजीकृत हुई हैं। वहां संस्था के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव, पार्षद सुनील, मोहिनी बिष्ट, रीता छाबड़ा, सुधा, शकुंतला पाल, अमित पाल, कंचन, संध्या, मीरा आदि थे। संवाद
आंगनबाड़ी केंद्रों के 15 बच्चों में मिली एनीमिया की शिकायत
रुद्रपुर। जिला अस्पताल की आयुष विंग की ओर से सोमवार को जगतपुरा क्षेत्र के पांच आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जागरूकता अभियान चलाया गया। आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. बीरेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में 68 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से करीब 15 बच्चों में एनीमिया की शिकायत मिली। इन बच्चों के अभिभावकों से उनका इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल बुलाया गया। क्षेत्रवासियों को निरंतर अंतराल पर हाथ धोने, स्वच्छ पानी पीने और व्यक्तिगत साफ सफाई रखने की सलाह दी गई। वहां बाल विकास विभाग की सीडीपीओ आशा नेगी, सुपरवाइजर सुधा शर्मा, अनुज कुमार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंजू आदि थे। संवाद
जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन आ रहे हैं 10 केस
रुद्रपुर। बच्चों की आंखों में अधिक काजल लगाने से एलर्जी और आंखों की से पानी आने की समस्या आ रही है। इससे बच्चों की आंखों की रोशनी प्रभावित होने और संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन इस तरह के औसतन आठ से 10 केस आ रहे हैं। जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे समाज में बच्चों की आंखों में काजल लगाने की प्रथा है। कई बार लोग अपने बच्चों की आंखों में अधिक मात्रा में काजल लगा देते हैं। इससे बच्चों की आंखों के बीच का हिस्सा प्रभावित होता है। आंखों का यह हिस्सा बेहद नाजुक होता है और इससे उनकी आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है। बच्चों की आंखों से पानी निकलना व खुजली की समस्या भी पैदा हो रही है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि काजल कई तरह के केमिकल से बना होता है। अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल आंखों की रोशनी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अभिभावकों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
अतिकुपोषित बच्चों के लिए खेड़ा में खुला परवरिश केंद्र
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