अल्मोड़ा। सर्दियों में पहाड़ से मैदानों तक कोहरा छाने से सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसे देखते हुए सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए बसों की फॉग लाइट, हैलोजन हेडलाइट, वाइपर, ब्रेक और हॉर्न की जांच के निर्देश दिए हैं, पर हकीकत कुछ और है। उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो से देहरादून, चंडीगढ़, लखनऊ, दिल्ली, हरिद्वार समेत विभिन्न स्थानों के लिए बसों का संचालन किया जाता है। डिपो के 40 बसों के बेड़े में से 15 से अधिक बसों में फॉग लाइट नहीं हैं। अधिकतर बसों में रिफ्लेक्टर टेप ही लगे हैं, जो कोहरे से होने वाली दुर्घटना से बचाव के लिए काफी नहीं है। ऐसे में यात्री इन बसों में सफर करने वाली यात्रियों की सुरक्षा को परिवहन निगम अनदेखा कर रहा है।
20 से अधिक बसों के टायरों में लगे हैं कट
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा डिपो की 20 से अधिक बसों में टायरों की स्थिति भी बेहद खराब हैं। इन टायरों में कई जगह कट लगे हैं, जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। वहीं कई बसों में सीट फटी हैं जो यात्रियों की मुश्किल बढ़ा रही हैं। बावजूद इसके परिवहन निगम व्यवस्था में सुधार के प्रयास नहीं कर रहा है।
चालक अपनी जेब से बसों में लगा रहे फॉग लाइट
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा-लखनऊ की बस सेवा बस संख्या यूके-07-पीए-3265 में फॉग लाइट, हैलोजन नहीं है। अल्मोड़ा से दिल्ली जाने वाली बस संख्या यूके-07-पीए-2965 में भी फॉग लाइट नहीं लगी है। धरमघर-दिल्ली बस संख्या यूके-07-पीए-3210, अल्मोड़ा-देहरादून बस संख्या यूके-07-पीए- 4446 में समेत कई बसों में न तो फाग लाइट है और न ही हैलोजन। चालकों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा यात्रियों व खुद की सुरक्षा को देखते हुए वे अपने खर्च से बसों में फॉग लाइट लगाने के लिए मजबूर हैं। कहा फॉग लाइट लगाने में उनके 1000 रुपये से अधिक खर्च हुए हैं। रोडवेज की बसों में हैलोजन हेडलाइट, फॉग लाइट लगी है। फॉग लाइट खराब होने पर इन्हें बदलने में कुछ समय लग जाता है। जिन बसों में फॉग लाइट नहीं हैं उनमें लगाई जा रही हैं। – राजेंद्र कुमार, सहायक महाप्रबंधक रोडवेज, अल्मोड़ा।
बागेश्वर डिपो की छह बसों में भी नहीं हैं फॉग लाइटें
बागेश्वर। जिले में रोडवेज डिपो का शुभारंभ होने के बावजूद अब तक संचालन शुरू नहीं हो सका है। बाहरी डिपो के माध्यम से छह बसों का संचालन हो रहा है। इन वाहनों में भी कोहरे के दौरान उपयोगी फॉग लाइट नहीं लगी है। बस चालक कोहरे से बचाने के लिए आज भी पहले की तरह हैडलाइट के आगे पीली पन्नी लगाने को मजबूर हैं। रोडवेज स्टेशन इंचार्ज केबी उपाध्याय ने बताया कि जिले को 21 बसों का बेड़ा मिला है। हालांकि अब तक कार्यशाला और कंप्यूटर इंस्टॉलेशन का काम नहीं हुआ है। कर्मचारियों की भी तैनाती होनी है। वर्तमान में पूर्व की तरह ही रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है। जिले से होकर चलने वाली सभी बस पुरानी हैं, जिनमें फॉगलाइट की व्यवस्था नहीं है।
अल्मोड़ा में छाने लगा कोहरा, बगैर फॉग लाइट के सड़कों पर दौड़ रहीं हैं बसें
RELATED ARTICLES