स्याल्दे (अल्मोड़ा)। स्याल्दे तहसील के 40 से अधिक गांवों की प्यास बुझाने वाली जीवनदायिनी विनोद नदी किनारे कूड़े का अंबार लगा है। नदी और इसके किनारे कूड़ा डालने से इसका पानी दूषित हो रहा है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि कई बार कूड़े की सफाई कर नदी को निर्मल बनाने की मांग की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्याल्दे ब्लॉक और तहसील कार्यालय से महज 100 मीटर दूर प्रवाहित नदी आसपास के 40 से अधिक गांवों के गले को तर करती है। नदी के पानी पर 10,000 से अधिक की आबादी निर्भर है लेकिन नदी किनारे पड़े कूड़े को ढेर व इसमें प्रवाहित होने वाली गंदगी ने उनकी मुश्किल बढ़ा दी है। नदी किनारे कूड़े का अंबार लगा है जो इनमें प्रवाहित होकर पंपिंग योजनाओं तक पहुंच रहा है। योजनाओं से दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ गया है।
बोले लोग
विनोद नदी से आसपास के गांव की बढ़ी आबादी अपनी प्यास बुझाती है। लेकिन इसमें कूड़ा डालने से इसका पानी दूषित हो रहा है, जो भविष्य में बढ़े खतरे का कारण बन सकता है। प्रशासन को जल्द इस पर उचित कदम उठाना होगा। – सीता राम जोशी, सेवानिवृत्त शिक्षक, स्याल्दे।
नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान संचालित हो रहे हैं। लेकिन विनोद नदी किराने लगे कूड़े के अंबार से लग रहा है कि ये सभी अभियान कागजों में संचालित किए जा रहे हैं। धरातल पर से सभी अभियान व दावे खोखले हैं। – नरेश चंद्र पपनोई, कैहड़गांव।
विनोद नदी किनारे पड़े कूड़ा निस्तारण की कई बार अधिकारियों से की गई। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिन-पर-दिन कूड़े का ढेर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में नदी दूषित हो रही है और इससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। – दिनेश जोशी, व्यापार संघ अध्यक्ष, स्याल्दे।
देश में नदियों को निर्मल बनाने के साथ ही स्वच्छता अभियान चल रहा है। लेकिन स्याल्दे स्थित विनोद नदी किनारे डंप कूड़ा इन दावों पर पलीता लगा रहा है। प्रशासन को नदी को स्वच्छ करने के साथ ही यहां पड़े कूड़े के निस्तारण को ठोस कदम उठाना चाहिए। – नीमा पपनोई, वार्ड सदस्य, कैहड़गांव।
विनोद नदी का पानी कर देगा बीमार, कुछ तो करो सरकार
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