अल्मोड़ा। जिला महिला अस्पताल में तीन दिन के शिशु की मौत हो गई। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा स्वस्थ थे लेकिन डिस्चार्ज होने से पहले की शिशु ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। ऐसे में शिशु की मौत से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। उसकी मौत के कारणों पर संशय है। लमगड़ा ब्लॉक के जलना और हाल निवासी अल्मोड़ा मनोज मेर की पत्नी पूजा मेर (23) को परिजन पांच जनवरी को प्रसव के लिए महिला अस्पताल लाए। कुछ देर बाद ही उसका प्रसव हो गया और उसने सामान्य प्रसव के बाद स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इसलिए उसे अस्पताल में ही भर्ती कराया गया। जच्चा-बच्चा को शनिवार को डिस्चार्ज किया जाना था।
इसलिए सुबह डिस्चार्ज की प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच मां की दूध पी रहे शिशु का दम घुटने लगा। परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। शिशु को डकार नहीं आ रही थी जिससे परिजन परेशान थे। शिशु की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अस्पताल प्रबंधन मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है जिससे नवजात की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
पीएमएस ने कहा, नो कमेंट
अल्मोड़ा। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के दावे हो रहे हैं। सरकार अस्पतालों में प्रसव कराने की बात कर रही है। इसके बावजूद अस्पतालों में हो रहे प्रसव भी सुरक्षित नहीं है। अल्मोड़ा के महिला अस्पताल में आए इस मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलने का काम किया है। अस्पताल प्रबंधन की चुप्पी भी मामले पर संशय पैदा कर रही है। पीएमएस डॉ. प्रीति पंत से मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वह नो कमेंट कहकर बचतीं रहीं।
पहले भी हो चुकी हैं तीन से अधिक नवजातों की मौत
अल्मोड़ा। जिला महिला अस्पताल में पहले तीन से अधिक नवजातों की मौत हो चुकी हैं जिनके असल कारणों का पता भी नहीं चल सका। अस्पताल प्रबंधन अधिकतर मौतों को स्वाभाविक बताता रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में भी अस्पताल में शिशु की मौत का पहला मामला सामने आया है। शिशु की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। अगर इसमें लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होगी। जांच के बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकेगा। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ अल्मोड़ा।
अल्मोड़ा में महिला अस्पताल में तीन दिन के नवजात की मौत
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