प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ ही भारी बिजली संकट पैदा हो गया है। बिजली की प्रतिदिन मांग रिकॉर्ड 48 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है। भरपाई के लिए यूपीसीएल ने दो निदेशकों की टीम दिल्ली भेजी है जो कि एनटीपीसी से विशेेष बिजली देने की मांग करेंगे। गैस व कोयले की कमी के चलते देशभर में बिजली की भारी कमी है। पिछले आठ दिनों में 250 मेगावाट ऑवर के मुकाबले 104 मेगावाट ऑवर बिजली ही बाजार में उपलब्ध हो पाई है। हालात यह हो गए हैं कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में किसी भी कीमत पर बिजली ही उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
यूपीसीएल के मुताबिक, जो बिजली मिल भी रही है, वह 12 रुपये प्रति यूनिट की दर पर मिल मिल रही है। इतनी महंगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की बड़ी चुनौती बन गई है। इस वजह से यूपीसीएल ने ग्रामीण इलाकों में रोजाना तीन से पांच घंटे की बिजली कटौती शुरू कर दी है। ऊर्जा निगम प्रबंधन का कहना है कि अगर बिजली की किल्लत बढ़ती है और बाजार से उपलब्ध नहीं होती तो धीरे-धीरे कटौती को उद्योगों तक पहुंचाना पड़ेगा।
रिकॉर्ड 48 एमयू तक पहुंची मांग
प्रदेश में ठंड के बीच बिजली की मांग रिकॉर्ड 48 मिलियन यूनिट (चार करोड़ 80 लाख यूनिट) तक पहुंच गई है, जबकि इसके मुकाबले यूपीसीएल को केंद्रीय व राज्य पूल से महज 35 से 37 मिलियन यूनिट बिजली ही मिल पा रही है। यूपीसीएल के सामने रोजाना आठ से दस मिलियन यूनिट बिजली खरीदना चुनौती बन गया है।
दो अधिकारी दिल्ली भेजे
यूपीसीएल ने बिजली किल्लत के बीच दो अधिकारियों को दिल्ली भेजा है। यह यूपीसीएल की चेयरमैन एवं अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का पत्र लेकर गए हैं। उत्तराखंड मांग कर रहा है कि एनटीपीसी से राज्य को विशेष बिजली उपलब्ध कराई जाए ताकि किल्लत से निजात पाई जा सके। बिजली की भारी मांग, कम उपलब्धता की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती करनी पड़ रही है। हम प्रयास कर रहे हैं कि एनटीपीसी से बिजली मिल जाए। उपलब्धता होगी तो आपूर्ति पूर्ण होगी। – अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल
प्रदेश में बिजली संकट, ठंड बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग रिकॉर्ड 48 मिलियन यूनिट तक पहुंची
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