आठ दिन पहले बंद कराई गई सतीघाट की अवैध पार्किंग को नियम-कानून को धता बताकर फिर से चालू कर दी है। अस्थि प्रवाह करने आने वाले श्रद्धालुओं से वाहन खड़े करने पर शुल्क वसूला जा रहा है। हाल में सामने आए एक वीडियो से ये बात साफ होती नजर आई कि पार्किंग बंद नहीं हो सकी है। जबकि दो दिन पहले ही पार्किंग में लगे निगम के मालिकाना हक के बोर्ड को भी उखाड़ फेंक दिया था। जिसमें निगम ने मुकदमा दर्ज कराया था। ऐसे में पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सालों से सतीघाट के पास सरकारी भूमि पर अवैध रूप से चलाई जा रही पार्किंग को नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम ने बंद करा दिया था। एक कथित नेता और उसके साथ कुछ लोग पार्किंग का संचालन करते हुए बाहर से अस्थि प्रवाह करने आने वाले लोगों से वाहन खड़े करने के नाम पर शुल्क वसूलते थे। निगम ने यदि कोई पार्किंग के नाम पर पैसा वसूलता है तो तुरंत सूचना नगर निगम को दें लिखा बोर्ड लगाया था।
अगले दिन ही पहले बोर्ड को ढक दिया और फिर उखाड़ फेंक डाला। शुक्रवार को निगम की तरफ से इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया। अब एक वीडियो सामने आया है। जिसमें सतीघाट पार्किंग लिखा एक बोर्ड लगा है और वाहनों को खड़ा करवाते हुए कुछ लोग नजर आ रहे हैं। जबकि एक व्यक्ति के हाथ में पर्ची भी दिखाई पड़ रही है। जबकि एक यात्री भी कार खड़ी करने के 50 रुपये देने की बात कह रहा है। बोर्ड को उखाड़ने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पार्किंग को दोबारा से चलाने की कोई शिकायत नहीं आई है। इस तरह की बात भी संज्ञान में नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नियम-कानून को धता बता चलाई जा रही अवैध पार्किंग
RELATED ARTICLES