रामपुर/काशीपुर। कोर्ट ने जानलेवा हमले और मारपीट के आरोपी सुरेश नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, टांडा पुलिस ने उसकी जगह उसके हमनाम व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पीड़ित के पिता के प्रार्थनापत्र पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बेगुनाह व्यक्ति को तत्काल रिहा करने और गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम का स्पष्टीकरण तलब कर उनके खिलाफ वाद दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी। मामला टांडा थाने से जुड़ा है। 2016 में टांडा थाने में जानलेवा हमले और मारपीट के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था, इसमें सुनील उर्फ सोनू, सुरेश उर्फ सोनू और रूपकिशोरी को आरोपी बनाया गया था।
कोर्ट ने सुरेश उर्फ सोनू निवासी आलू फार्म कुंडेसरा, थाना काशीपुर, जिला ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) के खिलाफ 10 जनवरी को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। टांडा थाने की पुलिस ने सुरेश पुत्र किशनलाल को 11 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। सुरेश के पिता किशनलाल ने 12 जनवरी को अपने अधिवक्ता दलजीत सिंह राणा के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थना-पत्र दिया, जिसमें कहा कि पुलिस ने बेगुनाह को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अपर जिला जज (एससी-एसटी एक्ट) पीएन पांडे की कोर्ट ने 12 जनवरी को थाने से रिपोर्ट तलब की। शुक्रवार को दरोगा रामवीर सिंह राठी ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर कहा कि गलत गिरफ्तारी हो गई है, सुरेश को रिहा किया जाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सुरेश को तत्काल रिहा करने और गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम का स्पष्टीकरण लेकर उनके खिलाफ वाद दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
निर्दोष को छुड़ाने के लिए परिजनों ने किया हंगामा
काशीपुर। कुंडेश्वरा आलू फार्म निवासी सुरेश कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में गैर जमानती वारंट कोर्ट से जारी हुआ। बुधवार दोपहर करीब 11 बजे यूपी पुलिस ने आरोपी सुरेश की जगह दूसरे सुरेश कुमार को बाजपुर रोड से पकड़ लिया। परिजन उसके बेकसूर होने की दुहाई देते रहे लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी।
यूपी पुलिस ने न तो परिजनों की बात मानी और न आईटीआई थाना पुलिस से शिनाख्त कराने की जहमत उठाई। पुलिस ने बेकसूर सुरेश कुमार को कोर्ट के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया। बृहस्पतिवार रात सुरेश के परिजन दड़ियाल चौकी पहुंचे और मोबाइल कैमरा ऑन कर पुलिस से बातचीत करने का प्रयास किया तो आरोप है कि पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया। आरोप है कि परिजनों के मोबाइल छीन लिए और सात लोगों को हिरासत में ले लिया गया। बेकसूर सुरेश को छोड़ने को लेकर शुक्रवार को भी दिन भर परिजन रामपुर जिले में डटे रहे। इसके बाद पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश कर बेकसूर सुरेश को छोड़ने की मांग की।
सुरेश को कोर्ट में रखना चाहिए था अपना पक्ष : एसपी
काशीपुर। एसपी रामपुर के पीआरओ निरीक्षक नरेश कुमार ने बताया कि यह प्रकरण कोर्ट के आदेश से जुड़ा हुआ है। कोर्ट के आदेश से पुलिस ने इस व्यक्ति को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया। कोर्ट में पेशी के दौरान ही सुरेश को बताना चाहिए था कि वह आरोपी व्यक्ति नहीं है। आरोपी सुरेश कुमार कोई दूसरा है। सुरेश कुमार के कोर्ट में खामोश रहने के चलते वह निर्दोष होते हुए भी जेल चला गया। इसमें पुलिस का कोई दोष नहीं है।
सुरेश को छोड़ने के लिए कोर्ट से अपील
काशीपुर। इंस्पेक्टर टांडा लव सिरोही ने बताया कि पुलिस पर मारपीट के आरोप झूठे हैं। सुरेश कुमार और आरोपी सुरेश कुमार दोनों एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। दोनों के पिता का नाम भी किशन लाल ही है। इसके चलते गलत आदमी को जेल भेज दिया गया था। मामले की जांच कर शुक्रवार को रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। निर्दोष जेल गए सुरेश को छोड़ने की अपील कोर्ट से की गई है।
मारपीट की सुरेश ने, जेल भेज दिया दूसरे को
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