रुद्रपुर। ऊर्जा निगम के रुद्रपुर सर्किल में औद्योगिक क्षेत्रों, व्यापारियों और जनता को अब अघोषित बिजली कटौती से राहत मिल गई है। इसकी वजह ऊर्जा निगम को रोजाना 80 लाख यूनिट बिजली मिलना है। बिना कटौती बिजली सप्लाई से उद्योगों के समक्ष आ रहा बड़ा संकट खत्म हो गया है। इससे पहले चार लाख यूनिट कम बिजली मिलने से कटौती की जा रही थी। जिले के लोगों को बीते कुछ समय से बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा था। इसके खिलाफ गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय के साथ ही जसपुर विधायक आदेश चौहान भी मुखर हो गए थे। रुद्रपुर सर्किल में आने वाले रुद्रपुर, सितारगंज, किच्छा, खटीमा और गदरपुर के शहरी क्षेत्रों में दो से तीन घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से आठ घंटे तक अघोषित बिजली कटौती की जा रही थी। ऊर्जा निगम को बिजली का अतिरिक्त चार्ज देने वाली कंपनियों को भी कटौती झेलनी पड़ रही थी। इससे सिडकुल की कंपनियों में होने वाले उत्पादन पर प्रभाव पड़ रहा था। कटौती से किसान भी परेशान थे। बिजली नहीं आने से खेतों में लगाए गए पंपिंग सेटों में डीजल की खपत भी अधिक हो रही थी। बिजली कटौती के पीछे बड़ी वजह उत्पादन कम होना है लेकिन अब निगम की ओर से बिजली खरीद करने के बाद लोगों को अघोषित कटौती से मुक्ति मिल गई है।
कोट
विभाग ने बिजली एक्सचेंज (ओपन मार्केट) से बिजली खरीद ली है। इसमें प्रतिदिन बोली के हिसाब से बिजली खरीदनी पड़ती है। वर्तमान में ओपन मार्केट में बिजली का दाम 12 रुपये यूनिट चल रहा है। प्रदेश में ठंड में पानी का जलस्तर कम होने से बिजली बनने में दिक्कतें होती हैं। बर्फ पिघलने के बाद पानी नदियों में आता है उसके बाद जल विद्युत परियोजना से बिजली बन पाती है लेकिन बिजली मिलने के बाद ग्रामीण, शहरों के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में की जा रही कटौती शून्य कर दी गई है। अब सिर्फ मरम्मत के समय बिजली कटौती होगी। – शेखर चंद्र त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम।
अघोषित बिजली की कटौती से कंपनियों में जेनरेटर से काम चलाना पड़ रहा था। इससे अकेले डीजल में ही प्रतिदिन साढ़े आठ हजार रुपये का नुकसान हो रहा था। – राजेंद्र तुल सियान, अध्यक्ष, ड्रग मैन्यूफेक्चर एसोसिएशन।
बिजली कटौती से सिडकुल की कंपनियों का कारोबार प्रभावित हो रहा था। जेनरेटर चलाने की वजह से डीजल खर्च करना पड़ रहा था और इससे लागत में इजाफा हो रहा था लेकिन कटौती बंद होने से राहत है। – श्रीकर सिन्हा, उपाध्यक्ष, सिडकुल एंटरप्रिन्योर वेलफेयर सोसाइटी।
आम जनता के साथ ही किसानों को भी कटौती से दिक्कतें झेलनी पड़ीं। यह समय गेहूं में पानी डालने का चल रहा है। बिजली कटौती से गेहूं में पानी डालने में दिक्कतें हो रही हैं। हालांकि अब एक दो दिन से कटौती की दिक्कत नहीं है। – गुरसेवक सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)
बिजली कटौती से गेहूं में पानी डालने में दिक्कतें हो रही हैं। इसका सीधा असर लागत और पैदावार पर पड़ेगा। आम जनता को भी बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है। वैसे अब कटौती से राहत है। – कृष्ण कांधा तिवारी, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ।
ऊर्जा प्रदेश में बिजली कटौती होना शर्मनाक : शर्मा
काशीपुर। एआईसीसी सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस महासचिव अनुपम शर्मा ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश में बिजली संकट होना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि देश में ऊर्जा प्रदेश के नाम से जाने वाले उत्तराखंड में बिजली कटौती से जहां जनता हलकान है, वहीं उद्योगों पर विपरीत असर पड़ रहा है। सरकार को जनता को नियमित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। भाजपा के शासनकाल में एक के बाद एक घोटाले और पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं। इससे साफ है सरकार का नौकरशाही पर नियंत्रण नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र के बाजपुर रोड पर पांच साल से आरओबी निर्माण की बाट जोह रही काशीपुर की जनता के ऊपर अब बाजपुर रोड स्थित रेल रेलवे क्रॉसिंग बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। इससे शहर दो हिस्सों में बंट जाएगा। इससे न सिर्फ लोग परेशान होंगे बल्कि शहर के व्यापारियों को भी आर्थिक नुकसान होगा। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी।
बिजली कटौती बंद, उद्यमियों-किसानों के साथ जनता को बड़ी राहत
RELATED ARTICLES