Wednesday, November 6, 2024
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एसटीएच : हर साल 12 करोड़ की दवा खरीद रहे ओपीडी रोगी

हल्द्वानी। सुशीला तिवारी अस्पताल में कुमाऊं के साथ ही यूपी से सटे जिलों से भी मरीज पहुंचते हैं। यहां ओपीडी में हर दिन औसतन 1500 रोगी आते हैं। उन्हें इलाज तो मिल जाता है, लेकिन दवा नहीं मिल पाती। उन्हें बाजार से ही दवा खरीदनी पड़ती है। ऐसे में ओपीडी के मरीज बाजार से हर साल करीब 12 करोड़ रुपये की दवा खरीद रहे हैं। एसटीएच में इमरजेंसी में आने वाले और भर्ती मरीजों को कई दवाइयां अस्पताल से ही मिल जाती हैं, लेकिन ओपीडी में अभी यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में ओपीडी में आने वाले रोगी कितने की दवा खरीदते हैं, इसे लेकर अमर उजाला की टीम ने पड़ताल कर जानने का प्रयास किया। इसमें ओपीडी में टीम ने पर्चा बनाने के साथ ही जिन रोगियों ने दवा खरीदी है, उनके साथ ही आसपास के दवा विक्रेताओं से भी जानकारी जुटाई। इसमें एक अनुमान सामने आया है कि एक मरीज सात दिन की औसतन ढाई सौ रुपये की दवा खरीद रहा है। यह राशि छोटी लगती है पर अस्पताल में आने वाले कुल मरीजों की संख्या और एक साल का हिसाब लगाया जाए तो यह करीब 12 करोड़ रुपये होती है।
ऐसे समझें आंकड़ा
अस्पताल की ओपीडी में दिखाने वाला रोगी एक अनुमान के मुताबिक सात दिन की औसतन 250 रुपये की खरीदता है, तो एक दिन में ही 1500 रोगियों के हिसाब से पौन चार लाख रुपये होते हैं। वर्ष के 52 रविवार हटा दें तो 313 दिन अस्पताल की ओपीडी चलती है। इस हिसाब से करीब 12 करोड़ की दवा खरीदने में रोगियों की जेबें ढीली हो रही हैं।
रिपोर्ट में दवा न मिलने का उल्लेख
हल्द्वानी। पिछले साल मार्च में नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की टीम ने मेडिकल कॉलेज का परफार्मेंस बेस्ड ऑडिट किया था। इसमें ओपीडी से लेकर आईपीडी तक हर चीज को गहनता से देखा। बताया जाता है कि रिपोर्ट में ओपीडी रोगी को दवा न मिलने और कितने लोग वंचित रह गए आदि का उल्लेख किया था। इसके बाद निदेशालय स्तर से भी ओपीडी रोगियों को दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।
कवायद में जुटा है अस्पताल प्रबंधन
हल्द्वानी। ओपीडी रोगियों को दवा उपलब्ध कराने के लिए कई बार बैठकें हो चुकी हैं। अस्पताल प्रबंधन दवा वितरण केंद्र खोलने से पहले स्थल चयन, फर्नीचर से लेकर दवा की व्यवस्था में जुटा है। ओपीडी में दी जाने वाली दवाओं के लिए टेंडर के लिए भी प्रक्रिया शुरू की गई है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को ओपीडी रोगियों को दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया चुका है। अगर जल्द व्यवस्था शुरू नहीं होती है तो स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
अभी क्या सुविधा उपलब्ध
वर्तमान में एसटीएच मे भर्ती मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा कैंसर के मरीजों को भी संस्थान से दवा उपलब्ध कराने का काम शुरू किया गया है। डायलिसिस में इस्तेमाल होन वाली सामग्री भी संस्थान दे रहा है।

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