रुद्रपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद अब स्नातक स्तर पर विषयों की संख्या तीन से बढ़कर छह हो गई है लेकिन इन विषयों को पढ़ाने के लिए सरदार भगत सिंह डिग्री कॉलेज में नए प्राध्यापकों की नियुक्ति न होने से विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। कॉलेज प्रशासन ने नए प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजा है। नई शिक्षा नीति में तीनों संकायों बीए, बीकॉम व बीएससी में दो प्रमुख विषयों के साथ ही तीसरे विषय के रूप में विद्यार्थियों को दूसरे संकाय से अपना कोई भी पसंदीदा विषय चुनने की सुविधा है। जैसे बीएससी के विद्यार्थी तीसरे विषय के रूप में इतिहास व बीए के विद्यार्थी फिजिक्स विषय भी चुन सकते हैं। इसी तरह चौथे विषय (इलेक्टिव) के रूप में एक विषय उस संकाय से लिया जाएगा जिस संकाय से तीसरे विषय का चुनाव नहीं हुआ है। पांचवें विषय के रूप में कौशल विकास कोर्स व छठे विषय के रूप में कम्यूनिकेशन स्किल लेना अनिवार्य है।
सरदार भगत सिंह डिग्री कॉलेज की वर्ष 1974 में स्थापना के समय प्राध्यापकों के सृजित 46 पद अभी भी नहीं बढ़े हैं जबकि वर्तमान में कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या सात हजार से भी अधिक है। वर्तमान शिक्षा सत्र से नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राध्यापक कम पड़ रहे हैं। कॉलेज प्रशासन ने प्राध्यापकों के 71 नए पद सृजित करने के लिए उच्च शिक्षा निदेेशालय को पत्र भेजा है। इसके बाद कॉलेज में प्राध्यापकों की संख्या 117 हो जाएगी लेकिन शासन स्तर पर अभी तक इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। कॉलेज में प्राध्यापकों के पदों को बढ़ाने व नियुक्ति के संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई जवाब नहीं मिला है। यदि कॉलेज में प्राध्यापकों के पदों में बढ़ोतरी होगी तो पढ़ाई की गुुणवत्ता में भी सुधार होगा। – डॉ. कमल किशोर पांडेय, प्राचार्य, रुद्रपुर डिग्री कॉलेज।
नई शिक्षा नीति में पढ़ाने के लिए नए प्राध्यापक भी तो चाहिए
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