Wednesday, October 30, 2024
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बी-वारंट पर पूछताछ के लिए जिले में लाया जाएगा जगजीत

रुद्रपुर। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए संदिग्ध आतंकी जगजीत उर्फ जग्गा से उधमसिंहनगर पुलिस ने पूछताछ पूरी कर ली है। करीब आठ घंटे तक हुई पूछताछ के दौरान सीओ ऑपरेशन के साथ ही एसओजी, एलआईयू और गदरपुर थाने की पुलिस टीम मौजूद रही। टीम ने जगजीत से उसके उत्तराखंड कनेक्शन के बारे के साथ ही पैरोल से फरार होने के बाद की गतिविधियों के साथ ही उसके मददगारों की जानकारी ली। एसएसपी के अनुसार संदिग्ध आतंकी जगजीत को बी-वारंट पर उधमसिंहनगर लाकर पूछताछ की जाएगी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संदिग्ध आतंकी गदरपुर, कोपा कृपाली निवासी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा उर्फ याकूब उर्फ कप्तान और उसके साथी दिल्ली निवासी नौशाद को 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों को आतंकी गतिविधि की साजिश रचने और एक युवक की हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किया था। संदिग्ध आतंकी जगजीत के कनाडा में बैठे अर्शदीप डल्ला तो नौशाद के पाकिस्तान में बैठे हरकत उल अंसार से कनेक्शन मिले थे। दिल्ली में कार्रवाई होने के बाद जिला पुलिस की टीम ने भी रविवार को दिल्ली पहुंचकर जगजीत से पूछताछ की। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि जगजीत से कई सवालों के जवाब में उसके लिंक का पता चला है। इसी के आधार पर अब पुलिस जांच का दायरा बढ़ाएगी और जांच में जगजीत का किसी से संपर्क पाया गया तो उस पर भी कार्रवाई होगी।
पैरोल पर छूटने वालों पर रहेगी पैनी नजर
रुद्रपुर। जेल में पैरोल पर छूटकर फरार होकर संगीन अपराध में शामिल हुए जगजीत के मामले के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। अब गंभीर अपराधों में गिरफ्तार होने के बाद जमानत या पैरोल पर छूटकर आने वालों पर पुलिस बराबर नजर रखेगी। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि हल्द्वानी और सितारगंज जेल से पैरोल पर छूटने वाले अपराधियों का विवरण मंगाया गया है। विवरण आने के बाद पुलिस पैरोल पर छूटे सभी अपराधियों पर पैनी नजर रखेगी।
बाजपुर में रहते पंजाब के बदमाशों के संपर्क में आया था जगजीत
रुद्रपुर। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में संदिग्ध आतंकी नौशाद के सहयोगी उधमसिंहनगर निवासी जगजीत चार पहले पहले पुलिस मुठभेड़ में हुई पहली गिरफ्तारी से पहले ही पंजाब के बड़े बदमाशों के संपर्क में आ गया था। उसने साथी रविंदर के साथ किसी बड़े मिशन के लिए चालक की हत्या कर नई इनोवा कार लूटी थी। यही वजह थी कि मुठभेड़ के दौरान हुई गिरफ्तारी में जगजीत के कब्जे से बंदूक, कारतूस के साथ ही गुरदासपुर पंजाब निवासी युवक का आधार कार्ड के साथ ही मलयेशिया की छह मुद्रा बरामद हुईं थीं जबकि उसके साथी रविंदर के कब्जे से तमंचा, नेपाली युवक का पासपोर्ट, पंजाब के युवक का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। फिलहाल पंजाब के गुरदासपुर का निवासी रविंदर हल्द्वानी जेल में बंद है। कोपा कृपाली निवासी जगजीत ने पांच साल पहले बाजपुर में खनन के डंपर चलाए थे। न उसका संपर्क रविंदर से हुआ था। रविंदर और अन्य आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के जरिये उसकी निटकता पंजाब के बदमाशों से बढ़ी थी। इसी दौरान उसने बड़ा बदमाश बनने के इरादे से नवंबर 2018 में रुद्रपुर से बुक कराई गई नई इनोवा को लूट कर उसके चालक की हत्या कर दी थी।
पुलिस पूछताछ में पता चला था कि जगजीत और उसके साथी ने हत्या से कुछ दिन पहले भी लूट के इरादे से एक कार बुक कराई थी लेकिन गाड़ी के गियर फंसने की वजह से उन्होंने गाड़ी को लूटने का इरादा छोड़ दिया था। कार का इस्तेमाल किसी बड़ी घटना के लिए होना था और जब गिरफ्तार जगजीत, उसका साथी रविंदर पंजाब के बदमाशों के संपर्क में थे। बड़े मिशन को अंजाम देने के बाद दोनों को नेपाल जाना था लेकिन मुठभेड़ में पुलिस की गिरफ्त में आ गए थे। मुठभेड़ में गिरफ्तारी के बाद बड़ा मिशन फेल होने के बाद जगजीत की जेल में नौशाद से नजदीकी बढ़ी थी। इसके बाद पैरोल से फरार होने के बाद बबीहा गिरोह में शामिल होने के साथ ही नौशाद के साथ मिलकर संदिग्ध आतंकी बन बैठा था।
पैरोल से भागने में मददगार था एक संदिग्ध
रुद्रपुर। पिछले साल जगजीत के पैरोल से फरार होने में रुद्रपुर के रहने वाले बदमाश की भूमिका बेहद संदिग्ध थी। कई आपराधिक मामलों में लिप्त रहे बदमाश की होंडा सिटी कार जगजीत के पैरोल से भागने के बाद पुलिस ने उसके घर से बरामद की थी। पैरोल के फरारी के मामले में भी इस बदमाश से गहन पूछताछ की गई थी। जब दिल्ली में जगजीत की गिरफ़्तारी के बाद भी पुलिस और एसटीएफ ने अपने घर में रह रहे इस बदमाश से जगजीत के बारे में भी पूछताछ की है। हालांकि उससे पुलिस को जगजीत के बारे में कोई अहम जानकारी नहीं मिल सकी।
नहीं की दस्तावेजों की गहराई से पड़ताल
जिला जज उधमसिंहनगर की मुहर और स्टांप पैड बरामद हुआ था। इस कारण आशंका थी कि इस मुहर के सहारे बड़े फर्जीवाड़े की योजना थी लेकिन जगजीत और साथियों की गिरफ्तारी के बाद उनकी योजना को लेकर कोई बात सामने नहीं आ सकी थी। पुलिस ने बरामद हुए पंजाब और नेपाल के लोगों के दस्तावेजों की भी गहराई से पड़ताल नहीं की। अगर जांच होती तो जगजीत की ओर से हो रही बड़ी साजिश पता चल सकती थी।
पैरोल से भागने के बाद तुड़वाई गई थी जमानत
रुद्रपुर। झनकईया में पुलिस मुठभेड़ में जगजीत की गिरफ्तारी के बाद उसके पिता ने जमानत के लिए हरसंभव कोशिश की थी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जमानत का इंतजाम करने के लिए जमीन बेचकर रुपये एकत्र किए गए थे और एक-एक लाख रुपये के जमानती भी कोर्ट में लगाए गए थे लेकिन जब जगजीत पैरोल से फरार हो गया तो जमानती तुड़वाने पड़े थे। इसके लिए उसके पिता को तीन-चार लाख रुपये खर्च भी करने पड़े थे। जगजीत के साथ पकड़े गए रविंदर को जमानत नहीं मिल सकी।

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