लालकुआं/हल्दूचौड़। रेट नहीं तो गेट नहीं के नारे के साथ राजमार्ग पर गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले 46 वें दिन धरना जारी रहा। वाहन स्वामियों ने कहा कि विस्तारीकरण की सैद्धांतिक सहमति के शेष बचे 24 दिन के लिए खनन व्यवसायी अपनी गाड़ियां गौला नदी में नहीं उतारेंगे। केंद्र सरकार ने गौला नदी की लीज विस्तारीकरण के लिए वैकल्पिक तौर पर 28 फरवरी तक सैद्धांतिक सहमति दी है। कारोबारियों ने इसे नाकाफी बताते हुए खनन निकासी नहीं करने की बात कही है। उनका कहना है कि वाहनों को रिलीज कराने में ही उनका काफी खर्च हो जाएगा। इसके बाद यदि लीज की अवधि नहीं बढ़ी तो खनन व्यवसायियों को बेवजह नुकसान उठाना पड़ेगा। संघर्ष समिति के संयोजक रमेश जोशी ने कहा कि सरकार ने एक माह गौला खोलने की सैद्धांतिक सहमति तो दे दी है परंतु इस अवधि के लिए वाहन रिलीज कराना स्वामियों का पैसा बर्बाद करना है। उन्होंने कहा कि इस समय एक गाड़ी आरटीओ कार्यालय से रिलीज कराने के लिए एक लाख रुपया चाहिए। सरकार को कम से कम तीन महीने का एक्सटेंशन लेना चाहिए।
मोटाहल्दू में 46 वें दिन चले धरने में रमेश चंद्र जोशी, जीवन कबडवाल, हरीश चंद्र पांडे, लवली गिल, मोहम्मद शादा, ललित जोशी, गोकुल भट्ट, राजू चौबे, मदन उपाध्याय, इंदर सिंह नयाल, पूरन पाठक, मनोज बिष्ट, नवल जोशी, नरेंद्र नैनवाल, सावन पथनी, बसंत जोशी, अनिल पंत, दीपक बचखेती, भुवन चंद्र पवार, मनोज चौधरी, अमरदीप पांडे, बंशीधर भट्ट, उमेश बर्जवासी, रेवाधर जोशी, संजय शर्मा, देवेंद्र पाल, गुड्डू पांडे, गणेश चंद्र, हरीश मेहता समेत कई वाहन स्वामी मौजूद रहे।
खनन कारोबारियों का धरना जारी
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