अल्मोड़ा। जिले के भनोली तहसील के ग्राम पंचायत झालडुंगरा के तोक सेरी की उपजाऊ भूमि में जबरन सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के विरोध में ग्रामीणों ने सेरी में धरना दिया। उन्होंने प्लांट लगा रही देहरादून की कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि ग्रामीणों की उपजाऊ नाप भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगने से उनके सम्मुख रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। गांव में अधिकांश लोग खेती से ही आजीविका चलाते हैं। अब देहरादून की एक कंपनी जबरन ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगा रही है।
ग्राम देवता भूमिया संघर्ष समिति झालडुंगरा के अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने कहा कि कंपनी के लोग ग्रामीणों को गुमराह कर उनकी जमीन लीज पर लेने के लिए तमाम प्रलोभन दे रहे हैं। इसमें गांव के कुछ तथाकथित लोगों की मिलीभगत है। सेरी में ग्रामीणों को धमकाकर कंपनी सौर ऊर्जा प्लांट का सामान डाल रही है। इससे शांति भंग होने का खतरा बना है। उन्होंने कहा कि 150 से अधिक परिवार न तो सौर ऊर्जा प्लांट के लिए भूमि देंगे और न ही कंपनी को अपनी भूमि से रास्ता देंगे। इसके बाद भी जबरन काम हुआ तो किसी भी घटना के लिए कंपनी प्रशासन जिम्मेदार रहेगा।
भूमि की पैमाइश की
अल्मोड़ा। इस दौरान राजस्व उप निरीक्षक ने तहसील प्रशासन की मौजदूगी में भूमि की पैमाइश की। गांव के 150 परिवारों ने अपनी कृषि भूमि न देने का ऐलान किया। 54 परिवारों में से सात परिवारों ने अपनी दी गई भूमि को वापस लेने की बात कही। इस दौरान नायब तहसीलदार डीएस सलाल, कानूनगो षष्ठीदत्त बहुगुणा, दीपक वर्मा, पटवारी दिगपाल बोरा आदि मौजूद थे।
धरने में ये लोग बैठे
संघर्ष समिति के अध्यक्ष रणजीत रावत, कोषाध्यक्ष मोहन नाथ गोस्वामी, हरीश बगड़वाल, दीवान बगड़वाल, डिगर राणा, पुष्पा नेगी, दीपा बिष्ट, पान सिंह गैड़ा, भागुली देवी, पार्वती देवी, कलावती, लीला देवी, कुंवर सिंह, जीवन सिंह रावत, धन सिंह गैड़ा, सरूली देवी आदि।
सेरी में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के विरोध में ग्रामीणों ने दिया धरना
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