हल्द्वानी। पॉलिथीन पर रोक लगाने में प्रशासन और नगर निगम नाकाम साबित हो रहे हैं। बार.बार कार्रवाई के बाद भी व्यापारी पॉलिथीन बेचने और सामान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। आम लोग भी सामान के लिए घरों से थैला लेकर नहीं चल रहे हैं। वे खुद व्यापारियों से पॉलिथीन मांग रहे हैं। लोग साथ देंगे तो ही पॉलिथीन पर रोक लग सकेगी।
पॉलिथीन का उपयोग रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं
पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने के लिए सभी को जागरूक होना होगा। खरीदारी के लिए निकलें तो घर से कपड़े का थैला लेकर जाएं। दूध या अन्य पेय पदार्थ पॉलीथिन में देने से व्यवसायी को रोकें। दुकानदार कागज या बायोडिग्रेडिबल पॉलिथीन की थैलियों का उपयोग करें।
पॉलिथीन के स्थान पर हमें क्या उपयोग करना चाहिए
पॉलिथीन की जगह लोगों को कपड़े के बैगए कागज की थैलियां या बायोडिग्रेडिबल बैग प्रयोग करना चाहिए। बाजार में स्टार्च से बने पॉलीबैग आने लगे हैं। इन्हें पानी में डालते ही ये पूरे घुल जाते हैं।
पॉलिथीन की थैलियों पर प्रतिबंध क्यों है जरूरीघ्
अपशिष्ट भरकर फेंकी गई पॉलीथीन की थैलियों को गाय और अन्य पशु खा लेते हैं जिससे उनकी आहार नाल अवरुद्ध हो जाती है। पॉलीथीनए नालियों में फंसकर जल प्रवाह को रोक देती हैं जिसके कारण स्थिर जल में मच्छरए मक्खी जैसे रोगवाहक कीट पनपने लगते हैं।
पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं पॉलिथीन बैग
प्लास्टिक की थैलियों को रिसायकल करना मुश्किल और महंगा होता है और अधिकांश लैंडफिल साइटों पर समाप्त हो जाती हैंए जहां उन्हें फोटोडिग्रेड होने में लगभग 300 साल लग जाते हैं। वे छोटे जहरीले कणों में टूट जाते हैं जो मिट्टी और जलमार्गों को दूषित करते हैं और खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करते हैं जब जानवर गलती से उन्हें निगल लेते हैं। डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि पॉलिथीन को लेकर प्रशासन लगातार अभियान चलाए हुए है। हमें लोगों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। लोग पॉलिथीन का इस्तेमाल न करें। कोई पॉलिथीन बेचता है तो उसकी शिकायत अधिकारियों से करें। तभी पॉलिथीन पर पूरी तरह रोक लग सकती है।
साथ देंगे लोग, तब पॉलिथीन पर लगेगी रोक
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