रुद्रपुर। मटर के उचित मूल्य के लिए किसानों का सोमवार को दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। तराई किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ने मटर के उचित दामों के निर्धारण के लिए संयुक्त मोर्चे का गठन किया। इस दौरान मंडी समिति में 24 घंटे से खड़े यूपी के जालौन जिले और मोहनपुरा के ट्रकों को छोड़ने को लेकर किसानों और ट्रक चालकों में कहासुनी भी हुई। बाद में मटर खराब होने की समस्या होने पर किसानों ने मटर से लदे यूपी के करीब 15 ट्रकों को फ्रोजन यूनिट के लिए जाने दिया गया। शांति व्यवस्था को लेकर मंडी परिसर में दिनभर पुलिस बल तैनात रहा।
मटर की औने-पौने दामों में हो रही खरीद के विरोध में रविवार को रातभर किसान मंडी समिति में धरने पर डटे रहे। उन्होंने दूसरे दिन भी यूपी के जालौन और मोहनपुरा के मटर से लदे ट्रकों को मंडी गेट से बाहर नहीं जाने दिया। आक्त्रसेशित किसानों ने कहा कि जिले के फ्रोजनयूनिट संचालक यूपी की मटर खरीद रहे हैं जबकि तराई के किसानों की मटर या तो औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है या फिर खरीदी ही नहीं जा रही है।किसानों ने इसे मटर की सुनियोजित तरीके से कॉरपोरेट लूट करार दिया। किसानों ने कहा कि उनकी मटर औने.पौने दामों में खरीदने के बाद मटर का दाना निकालकर फ्रोजनयूनिट संचालक करीब 10 से 15 गुना महंगा बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इधर यूपी के मटर से लदे ट्रकों को गेट पर रोके जाने की सूचना पर मंडी गेट पर पुलिस बल तैनात हो गया। एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल भी वहां पहुंचे।
विवाद न सुलझने के बाद दोपहर करीब 12 बजे यूपी के ट्रक चालकों ने धरने पर बैठे किसानों को बताया कि ट्रकों में पड़े.पड़े मटर खराब होने लगी है। इस पर तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क और भाकियू (अराजसीतिक) के प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी ने उन्हें हाल फिलहाल तराई के फ्रोजन यूनिटों में मटर बेचने के लिए न आने की चेतावनी देते हुए जाने दिया।उन्होंने कहा कि यूपी से आने वाली मटर के ट्रकों को बॉर्डर पर रोका जाएगा। मंडी समिति में धरने पर बैठे किसानों के लिए लंगर लगाया गया। वहां संतोख सिंह, कमरजीत सिंह, साहब सिंह, सुखवंत सिंह, अमृतपाल सिंह, परविंदर सिंह, राजेंद्र कंबोज, सरवन सिंह आदि थे।
जिले में किसानों को मटर का उचित मूल्य दिलाने के लिए फ्रोजन यूनिट खोली गई थीं लेकिन वर्तमान में फ्रोजन यूनिट संचालक संगठित रूप से किसानों की मटर कम से कम मूल्य पर खरीद रहे हैं। – तजिंदर सिंह विर्क।
तराई में सब्सिडी पर फ्रोजन यूनिट खुलवाने का स्थानीय किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है। फ्रोजन यूनिट संचालक यूपी की मटर खरीद रहे हैं। स्थानीय किसानों को सस्ते में मटर बेचने के लिए विवश कर रहे हैं। – गुरजीत सिंह चीमा।
फ्रोजन यूनिट संचालक मटर को 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे हैं। कम मूल्य मिलने के कारण किसानों को अधिक लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बहुत चिंता का विषय है। – गुरदीप सिंह संधू।
एक तरफ सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के दावे कर रही है लेकिन जब किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य देने की बात हो तो निराशा ही हाथ लगती है। – दिलबाग सिंह
रुद्रपुर में भारत की सबसे पुरानी मटर की मंडी लगती है। इसी कारण जिले में करीब 70 फ्रोजन यूनिट हैं लेकिन फ्रोजन यूनिट संचालक कम रिकवरी की बात कहकर तराई की मटर को औने-पौने दामों में खरीद रहे हैं। – जगदीश सिंह।
देर शाम किसानों और फ्रोजन यूनिट संचालकों के साथ हुई दूसरे राउंड की वार्ता के बाद मटर के मूल्य पर सहमति बन गई है। जालौन की मंडी के अनुसार पहले दिन मटर का मंडी का रेट 11.25 रुपये प्रति किलो तय किया गया जबकि मटर को सीधे फ्रोजन यूनिट में लाने पर 12 रुपये प्रति किलो तय किया गया। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त करने का एलान कर दिया है। – जयभारत सिंह, एडीएम।
उचित मूल्य के लिए किसानों ने गठित किया संयुक्त मोर्चा
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