Friday, November 1, 2024
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मनोहर बाग वार्ड के खेतों में भी बढ़ने लगी पुरानी दरारें, इसी हफ्ते पूरा होगा होटलों का डिस्मेंटल

जोशीमठ नगर में भू-धंसाव से दरारें आने का सिलसिला फिर शुरू होने लगा है। दो दिन पहले यहां सिंहधार वार्ड के कुछ मकानों में हल्की दरारें आईं जबकि कुछ पुरानी दरारें बढ़ गईं जिससे क्रैकोमीटर भी चटक गए। वहीं अब मनोहर बाग वार्ड के खेतों में पुरानी दरारें बढ़ने लग गई हैं जिसने लोगों को चिंता में डाल दिया है। मनोहर बाग वार्ड में सूरज कपरवाण और रोहित परमार के खेतों में जनवरी के महीने में दरारें आई थीं। सूरज कपरवाण का कहना है कि प्रशासन ने इन दरारों को मिट्टी और प्लास्टिक डालकर भर दिया था। 20 जनवरी के बाद नगर के मकान और खेतों में दरारें आने का सिलसिला थम गया था लेकिन अब यहां पुरानी दरारें बढ़ने लगी हैं। पुरानी दरारों के बढ़ने और नए घरों में आई दरारें भले ही हल्की हैं, लेकिन इसने लोगों के साथ प्रशासन के माथे पर भी चिंता की लकीरें ला दी हैं। 20 जनवरी के बाद जब स्थिति थमने पर लोग उम्मीद कर रहे थे कि शायद अब भू-धंसाव रूक गया है लेकिन नई परिस्थितियों ने सभी को परेशान कर दिया है।
इसी सप्ताह पूर्ण हो जाएगा होटलों का डिस्मेंटल का काम
बदरीनाथ हाईवे पर मलारी इन और माउंट व्यू होटल के डिस्मेंटर का काम बुधवार को भी जारी रहा। होटलों का लेबल अब बदरीनाथ हाईवे से नीचे तक आ गया है जिससे होटलों के मलबे को सड़क तक लाने में मजदूरों को अतिरिक्त समय लग रहा है। होटलों के डिस्मेंटल के काम में करीब 80 मजदूर लगे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग के ईई सुरेंद्र पटवाल ने बताया कि अब होटलों के पूर्ण ध्वस्तीकरण में एक सप्ताह का समय लगेगा। होटलों के मलबे को सड़क तक लाने में दिक्कतें आ रही हैं, जिससे मलबा निस्तारण में समय अधिक लग रहा है।
प्री-फैब्रिकेटेड घरों में नहीं मिल सकेगी घरों जैसी सुविधा
आपदा प्रभावितों के लिए ढाक गांव में निर्मित किए जा रहे प्री-फैब्रिकेटेड घरों में पुराने घरों जैसा माहौल और सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी। यहां न तो कीचन गार्डन की सुविधा मिल सकेगी और ना ही छत की। बच्चों को खेलने के लिए आंगन भी नहीं मिल सकेगा। कीचन में एक स्लैब रैक के अलावा कोई सुविधा नहीं मिलेगी।सीबीआरआई के दिशा-निर्देशन में आरडब्ल्यूडी (ग्रामीण निर्माण विभाग) की ओर से ढाक गांव में एनटीपीसी की भूमि पर 15 और जोशीमठ टीपीसी तिराहे पर उद्यान विभाग की भूमि पर तीन प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण किया जा रहा है। ढाक गांव में 48 वर्ग मीटर के दायरे में बन रहे प्री-फैब घर में दो कमरे, एक कीचन और बाथरूम अटैच होगा। कमरों में रैक की सुविधा नहीं है। रसोई में सामग्री रखने के लिए एक स्लैब रैक की व्यवस्था की जाएगी। टाइल्सयुक्त बाथरूम में पानी और बिजली की लाइन दी जाएगी। सीमित भूमि होने के कारण बच्चों को खेलने के लिए आंगन की सुविधा नहीं दी जा सकेगी। घरों के आगे छोटी सी गैलरी की सुविधा मिलेगी। आरडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने बताया कि प्री-फैब्रिकेटेड घर टाइप टू साइज के सरकारी आवास की तरह निर्मित होंगे। कमरों और कीचन में आपदा प्रभावित अपने घरों की सामग्री को रखने के साथ ही अपनी सुविधानुसार रैक निर्मित कर सकेंगे।
क्या कहते हैं आपदा प्रभावित
आपदा प्रभावित दिंगबर बिष्ट, हरीश व दीपक रावत का कहना है कि उद्यान विभाग की भूमि पर मॉडल हट बनाए जा रहे हैं। जब ये हट बनकर तैयार हो जाएंगे तब प्रशासन की ओर से उन्हें हट दिखाए जाएंगे। इन घरों में सुविधाएं मिलने के बाद ही यहां निवास करने पर विचार किया जाएगा।

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