रामनगर (नैनीताल)। सांवल्दे में लंबे समय से बीमार चल रहे हाथी मोती की आखिरकार मौत हो गई। हाथी की मौत के बाद पशु चिकित्सकों ने उसका पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव को दफना दिया गया है। हाथी को बचाने के लिए सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाला था। सांवल्दे में लंबे समय से पैरों की बीमारी से ग्रसित हाथी मोती को खड़ा करने के लिए एरावत संस्था के सदस्य इमरान खान ने सेना से मदद मांगी थी। 6 फरवरी को मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस रुड़की की एक टीम पहुंची। टीम ने हाथी को खड़ा करने के लिए एक स्ट्रक्चर बनाया और हाथी को खड़ा कर दिया। दो दिन तक हाथी खड़ा रहा लेकिन उसकी हालत खराब होने पर उसे फिर से जमीन पर बैठा दिया गया। पहले मोती के एक अगले पैर में इंफेक्शन था। फिर दूसरे पैर पर भी इंफेक्शन हो गया और वह लेट गया। एसओएस मथुरा और कॉर्बेट के डॉक्टर्स के इलाज के बावजूद इसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। एरावत संस्था के इमरान खान ने बताया कि मोती हाथी ने शनिवार सुबह नौ बजे दम तोड़ दिया। हाथी की मौत के बाद पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा, डॉ. आयुष उनियाल व डॉ. हिमांशु पांगती ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव को दफना दिया गया है।
नैनीताल: सांवल्दे में पालतू हाथी की बीमारी से मौत
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