नैनीताल। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से गठित उत्तराखंड भूस्खलन एवं न्यूनीकरण प्रकोष्ठ की टीम ने मंगलवार को यहां चायना पीक क्षेत्र का भ्रमण कर किया और वहां हो रहे भूस्खलन का जायजा लिया। निरीक्षण के बाद यह टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। चायना पीक की पहाड़ी में पूर्व के वर्षों में भूस्खलन हुआ था। तब से वहां रुक रुक कर भूस्खलन होता रहा है। पहाड़ी में हो रहे भूस्खलन की स्थिति को देखते हुए डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने पहाड़ी के सर्वे के लिए शासन को पत्र भेजा था। इसे देखते हुए शासन के निर्देश पर मंगलवार को प्रकोष्ठ के निदेशक शांतनु सरकार और उनके साथ मौजूद अधिकारी चायना पीक की चोटी पर पहुंचकर वहां का स्थलीय निरीक्षण किया।
टीम के सदस्यों ने भूस्खलन की रोकथाम के लिए प्रभावी योजना बनाने से पहले भूस्खलन के समय मलबा और पत्थरों को आबादी तक पहुंचने से रोकने के लिए पहाड़ी में जालियां लगाने, वन विभाग की ओर से बनाई गई दीवारों की ऊंचाई बढ़ाने और पहाड़ी की तलहटी में मलबे से पट चुके कैचपिटों को खाली कराने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट वह जल्द ही शासन को सौंप देंगे। इस दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार, सिंचाई विभाग के नीरज कुमार, लोनिवि के सहायक अभियंता गोविंद सिंह जनौटी, भू वैज्ञानिक दीपेंद्र चंद्र समेत वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल थे।
चायना पीक में हो रहे भूस्खलन के कारणों को जानने पहुंची टीम
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