पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की परियोजनाओ में कार्यरत कर्मचारियों ने उत्तराखंड शासन व विवि प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। शनिवार को ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। कर्मियों ने कहा कि नियंत्रक कार्यालय की ओर से लगातार परियोजना कर्मियों को परेशान किया जा रहा है। सेवानिवृत्त परियोजना कर्मियों को अभी तक ईएल का लाखों रुपये का भुगतान नहीं किया जा रहा है। रोज नए-नए नियम बताकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। नवनियुक्त वित्त नियंत्रक के निर्देश पर उनके मातहतों ने सभी भत्तों को काटकर वेेतन कर्मियों के बैंक खाते में भेजा है।
मोर्चा अध्यक्ष जनार्दन सिंह ने कहा मामले का शीघ्र निस्तारण नहीं होने पर आरपार का आंदोलन किया जाएगा। इधर, विवि कुलपति डॉ. एमएस चौहान ने प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता में कुलपति ने अतिशीघ्र मामले के निस्तारण की बात कही। साथ ही एक कमेटी भी गठित करने के निर्देश दिए। कुलपति से वार्ता में खीम सिंह अधिकारी, विक्रम प्रसाद व विजय कुमार, जबकि प्रशासन की ओर से अपर निदेशक प्रशासन, डॉ. नवनीत पारीख, निदेशक शोध डॉ. एएस नैन मौजूद थे। धरने में संतोष कुमार, एचआर जायसवाल, डालचंद, विक्रम प्रसाद, महेंद्र शर्मा, बहाली, बीडी जोशी, महेश पाल, सतीश, सर्वेश, आरडी यादव शामिल रहे।
पदोन्नति से वंचित करने का आरोप
पंतनगर। वर्ष 2016 में आईसीएआर की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मियों बनी लिस्ट में लगभग 400 (शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मी) थे। जिसमें से अधिकतर कर्मियों ने जुगाड़बाजी के दम पर अपना समायोजन जनरल बजट में करवा लिया और अब करीब 30 कर्मी ही परियोजनाओं के बचे हैं। दो माह पूर्व शिक्षकों की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रोन्नत प्रक्रिया में पात्र परियोजना कर्मियों पर रहम कर प्रोन्नति प्रदान कर दी गई। जबकि 15 दिन पूर्व हुई डीपीसी (शिक्षणेत्तर कर्मियों की प्रोन्नति प्रक्रिया) में पात्र परियोजनाकर्मियों को पदोन्नति से वंचित कर दिया गया है।
कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारी
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