रुद्रपुर। जिले में गर्मी बढ़ने लगी है। शनिवार दोपहर लोग गर्मी से बेहाल नजर आए। गर्मी के कारण बाजार में भी दोपहर के बाद सन्नाटा पसरा रहा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस पहुंचने पर गर्म हवाओं के साथ ही लू भी चलने लगेगी। रुद्रपुर में सुबह 11 बजे से ही तेज धूप पड़ने लगी थी। दोपहर के समय गर्म हवाएं चलने से लोग बेहाल हो गए। गर्मी से बचने के लिए लोग सिर और चेहरे को कपड़े से ढकते हुए निकले। गर्मी के कारण ठेला व्यापारी भी अपने ठेलों पर छतरी लगाए नजर आए। रोडवेज स्टेशन परिसर में भी यात्री गर्मी से बेहाल दिखे। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि राजस्थान से चली पछुआ पवन तराई में पहुंच चुकी है। इस कारण गर्म हवाएं चलने से लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस रहा। तापमान के 40 डिग्री पहुंचने के बाद गर्म हवाओं के साथ लू भी चलने लगेगी। एक सप्ताह के भीतर और अधिक गर्मी पड़ सकती है। डॉ. सिंह ने कहा कि गर्मी से बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीएं। दोपहर के समय जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
बढ़ता तापमान बढ़ा रहा हीट स्ट्रोक का खतरा
काशीपुर। बढ़ता तापमान हीट स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा रहा है। अधिक तापमान और तपन से आमजन परेशान हैं। ऐसे में लापरवाही भारी पड़ सकती है। सही समय पर इलाज न मिलने पर हीट स्ट्रोक का असर मरीज के मस्तिष्क, ह्रदय, किडनी और मांसपेशियों पर भी हो सकता है। चिकित्सक हीट स्ट्रोक से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दे रहे हैं। बच्चों को लेकर विशेष सावधानी की बात कही जा रही है। अप्रैल में शुरू से ही मौसम गर्म हो रहा है। पिछले कुछ दिनों ज्येष्ठ माह जैसी गर्मी का अहसास हुआ है। तेज धूप के कारण हवा भी लू जैसी लग रही है। लोगों की सेहत पर गर्मी का प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। तापमान बढ़ेगा तो शरीर में हीट स्ट्रोक होने का खतरा रहेगा। ज्यादा तापमान में दोपहर के समय लगातार लंबे समय तक धूप में रहने से हीट स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। इसमें शरीर में पानी और नमक की मात्रा कम हो जाती है और पसीना आना बंद हो जाता है।
एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव पुनेठा ने बताया कि तेज धूप के दौरान बच्चों को घर से बाहर न जाने दें। अगर जरूरी है तो सिर पर कैप पहनाकर और छाता लेकर निकालें। अधिक गर्मी होने पर बच्चों में उल्टी, दस्त, सिर, बदन और पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। कई बार बच्चा बेहोश तक हो सकता है। बच्चों को अधिक तरल पदार्थ और पानी का सेवन कराया जाना चाहिए। तेज धूप के कारण बच्चों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सावधानी की जरूरत है। एलडी भट्ट उप जिला चिकित्सालय के डॉ. हरीश पंत का कहना है कि गर्मी संबंधी बीमारियों में हीट स्ट्रोक को सबसे गंभीर माना जाता है। समय से इलाज न मिलने पर यह बीमारी घातक साबित हो सकती है। इसमें शरीर का तापमान 104 से 105 डिग्री से ऊपर तक चला जाता है। मरीज को समय से इलाज न मिलने पर हीट स्ट्रोक का असर मस्तिष्क, ह्रदय, किडनी और मांसपेशियों पर भी हो सकता है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
दौरे पड़ना, बेहोशी होना।
बेचैनी और घबराहट होना।
त्वचा गर्म, लाल और सूखी होना।
चक्कर आना, सिर घूमना और उल्टी होना
धड़कन तेज होना, सांस लेने में परेशानी।
बचाव के उपाय
सुबह-शाम हल्का भोजन लें।
बाजार में कटे-फटे फलों का सेवन न करें।
अधिकतर काम सुबह-शाम को निपटाएं।
घर से बाहर निकलते समय दो गिलास पानी पीये।
नारियल पानी, नींबू, दही, लस्सी, सत्तू का सेवन करें।
लू लगने पर चिकित्सक की सलाह से उपचार कराएं।
मौसमी फल तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, खीरा आदि का सेवन करें।
जरूरी होने पर दोपहर में छाता या सिर ढककर घर के बाहर निकलें।
शीतल पेय का सेवन न करें। घर में बने तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
तराई का पिछले एक सप्ताह का अधिकतम तापमान
शनिवार- 37.2 डिग्री सेल्सियस
शुक्रवार- 37 डिग्री सेल्सियस
बृहस्पतिवार- 36 डिग्री सेल्सियस
बुधवार- 36 डिग्री सेल्सियस
मंगलवार- 35 डिग्री सेल्सियस
सोमवार- 33.5 डिग्री सेल्यिसस
रविवार- 33 डिग्री सेल्सियस
अप्रैल मे ही तपने लगी तराई, चलने लगीं गर्म हवाएं
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