नगर निगम के 47 वार्डों में घर-घर कूड़ा उठान करने वाले वाहनों के चालकों ने हड़ताल कर दी है। मार्च का वेतन न दिए जाने और वेतन में अवैध कटौती करने का आरोप लगाते हुए सीटू से संबंद्ध कर्मचारियों ने निजी कंपनियों के विरुद्ध मोर्चा खोला है। हालांकि, संबंधित कंपनियों ने कूड़ा उठान की वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा किया है। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि नगर निगम अनुबंधित कंपनी राजन गांधी वाटर ग्रेस व सन लाइट वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से कर्मचारियों के वेतन से अवैध कटौती व वेतन न देने का आरोप लगाते हुए शनिवार को हड़ताल कर दी। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि कंपनियां कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। इससे श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी खतरा मंडरा रहा है। बताया कि उन्होंने इससे पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी व नगर निगम के अन्य अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे कार्मिकों में भारी रोष व्याप्त है और उन्होंने पूर्ण कार्यबहिष्कार का निर्णय लिया है। इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि उक्त कंपनियों के खिलाफ एक शिकायत पहले से उप श्रमायुक्त को दी गई है। जिस पर निगम प्रशासन व कंपनियों के खिलाफ नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन न तो निगम प्रशासन व न ही कंपनी ने इस पर कोई कदम उठाया। उन्होंने मांग की है कि यदि उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो हड़ताल जारी रहेगी।
कंपनी ने रायपुर पुलिस को दी शिकायत
वाटर ग्रेस इकोन व सन लाइट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से रायपुर पुलिस को शिकायत देकर कुछ कर्मचारियों पर कार्य रुकवाने का आरोप लगाया है। कहा कि बीते शुक्रवार रात को कूड़ा उठान के वाहनों को रोकर चालकों को कार्य करने से रोका गया। इस संबंध में नगर निगम ने भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कंपनी के कार्यरत कर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
जान से मारने की धमकी देने का आरोप
हड़ताल पर गए कर्मचारियों के यूनियन के अध्यक्ष संजय कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें जाति सूचक शब्द व जान से मारने की धमकी दी गई। कहा कि विरोध के दौरान वे सड़क पर खड़े थे कि कंपनी के एक वाहन चालक ने उन पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। वाहन चालक किसी गफलत में हैं। मार्च से सभी को वेतन दिया जा रहा है। हड़ताल पर गए कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया गया है। कंपनी की ओर से दूसरे चालकों से कूड़ा उठान कराया जा रहा है। हड़ताल का सफाई व्यवस्था पर असर नहीं पड़ेगा।
कूड़ा वाहन चालकों ने वेतन कटौती पर निजी कंपनियों के विरुद्ध खोला मोर्चा, देहारादून के 47 वार्डों में हड़ताल
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