अवैध खनन के खिलाफ व गंगा संरक्षण को लेकर मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती का बुधवार को 17 वें दिन भी अनशन जारी रहा। मातृ सदन के अनुसार 10 फरवरी को किसान नेता राकेश टिकैत स्वामी शिवानंद के आंदोलन को समर्थन देने मातृ सदन पहुंच रहे है। कैलाशनाथ के आग्रह पर राकेश टिकैत मातृ सदन आ रहे है।
बीती 24 जनवरी से स्वामी शिवानंद का अनशन जारी है। वे फिलहाल रोजाना तीन गिलास पानी ले रहे है। स्वामी शिवानंद का कहना है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा खनन माफियाओं के साथ मिल कर गंगा में भयंकर खनन किया जा रहा है। जबकि मातृ सदन के पास समस्त आदेशों की प्रतिलिपि है जो कि एनएमसीजी, सीपीसीबीऔर हाई कोर्ट तक के आर्डर हैं। जिनमें खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन यहां का जिला प्रशासन खनन को बंद नहीं करा रहा है। स्वामी शिवानंद का कहना है कि एक ओर हाई ऑथरिटी खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर रही है। दूसरी ओर प्रशासन उसे मानने से इंकार कर रहा है। ये हमारे देश की व्यवस्था है, ये प्रजा तंत्र है। जहां किसी की कोई सुनवाई नहीं है। खनन के आगे प्रजातंत्र भी खत्म हो गया है। गुंडागर्दी और माफियाराज से गंगा का अस्तित्व खतरें में है।
बोलने को बहुत कुछ बोला जाता है कि गंगा को बचाने का सारा कार्यक्रम है। लेकिन धरातल पर गंगा को नाश करने का तांडव खेला जा रहा है। इसके तमाम सुबूत मातृ सदन के पास है। जो हाई ऑथरिटी को कई बार पत्र के साथ भेजा जा चुका है। स्वामी शिवानंद का आरोप है कि जिला प्रशासन ने खनन को देखकर आंखें बंद कर ली है।
जिला प्रशासन किस नियम के तहत खनन करवा रहे है उसकी जानकारी भी नहीं देते। बगैर हमारे स्वास्थ्य की जांच किए एलोपैथी का डाक्टर फर्जी स्वास्थ्य रिपोर्ट बनाकर दे रहे है। आयुर्वेदिक डाक्टर को बुलाया तो सब कुछ नार्मल निकला। आश्रम के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। हरिद्वार धर्म विहीन हो गया है। लेकिन मातृ सदन अपने कतृव्यनिष्ठा का पालन करता रहेगा।
किसान नेता राकेश टिकैत आज आएंगे उत्तराखंड, मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती के आंदोलन को समर्थन
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