यमुनोत्री रेल प्रोजेक्ट
डोईवाला से बड़कोट तक 102 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन तैयार की जाएगी। इसका अधिकांश हिस्सा सुरंगों के भीतर होगा। रेवल विकास निगम सूत्रों के अनुसार 72 किलोमीटर ट्रेक सुरंगों से होकर जाएंगा। जबकि बाकी 30 किलोमीटर ट्रैक खुले में होगा। इस ट्रैक पर 20 सुरंगें बनाना प्रस्तावित है।
यहां बनेंगे रेलवे स्टेशन
भानियावाला, रानीपोखरी, जाजल,, मरोड़ा, कंडीसौड़, सरोट, चिन्यालीसौड़, डूंडा, उत्तरकाशी में मातली और बड़कोट
गंगोत्री-यमुनोत्री रेल लाइन पर जल्द अच्छी खबर आ सकती है। उत्तराखंड के पवित्र धामों को रेल सुविधा से जोड़ने वाला यह प्रोजेक्ट अंतिम निर्णय के लिए रेलवे बोर्ड के पास आ गया है। रेल विकास निगम ने इस प्रोजेक्ट का फाइनल एलाइनमेंट रिपेार्ट तैयार कर बोर्ड को सौंप दिया है। बोर्ड इस समेत विभिन्न नए प्रस्तावित रेल प्रोजेक्ट का अध्ययन कर रहा है। संपर्क करने पर रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओपी मालगुड़ी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि इस प्रोजेक्ट पर पिछले काफी समय से तैयारी चल रही थी। डोईवाला से बड़कोट तक विभिन्न स्थानों को भूगर्भीय व अन्य पहलुओं से अध्ययन करते हुए रिपोर्ट बनाई गईं थी। अभी हाल में ही इसका फाइनल एलाइनमेंट तैयार कर रेलवे बोर्ड को सौंप दिया गया है। अब इसकी मंजूरी पर अब बोर्ड को निर्णय लेना है। तीस हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत डोईवाला से बड़कोट तक 10 रेलवे लाइन प्रस्तावित है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट से जहां बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम का सफर आसान होने जा रहा है। वहीं यमुनोत्री प्रोजेक्ट से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का रास्ता भी आसान हो जाएगा। धार्मिक के साथ साथ यह प्रोजेक्ट सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण है।