Uttarakhand: सरकारी खर्च, योजनाओं की गड़बड़ी एआई तुरंत पकड़ेगा, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी सख्त नजर
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पारदर्शिता और सुशासन को नए स्तर पर ले जाने के लिए एआई आधारित आधुनिक शासन प्रणाली की तैयारी शुरू कर दी है। नई एआई नीति के अनुसार, सरकारी खर्च, बिल, योजनाओं से जुड़े अनियमित मामलों की पहचान अब मिनटों में की जा सकेगी। साथ ही सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और गलत सूचनाओं को ट्रैक करने के लिए भी एआई का इस्तेमाल किया जाएगा।
शासन-प्रशासन में एआई लाएगा बड़ा सुधार
सरकार की एआई नीति के माध्यम से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था अधिक सुगम, पारदर्शी और तेज बनाई जाएगी।
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अपुणि सरकार पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन में जन शिकायतों की ट्रैकिंग, वर्गीकरण और समाधान एआई की मदद से होगा।
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लोगों को गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषाओं में वॉयस-बेस्ड सरकारी सेवाएं मिलेंगी।
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सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जा रहे एआई कैमरे भीड़भाड़, संदिग्ध गतिविधियों और सुरक्षा संबंधी जोखिमों का स्वत: पता लगा सकेंगे।
भ्रष्टाचार पर कसेगी नकेल
सरकार का दावा है कि एआई सरकारी तंत्र में फैली अनियमितताओं पर अंकुश लगाने में अत्यंत कारगर साबित होगा।
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सरकारी खर्च, बिल और योजनाओं में की गई गड़बड़ी एआई तुरंत पहचान लेगा।
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ई-टेंडरिंग व खरीद प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
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पुराने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज कर अवैध कब्जों और भू-उपयोग में बदलाव का पता लगाना आसान होगा।
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सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के जरिए अफवाह फैलाने वालों की पहचान की जाएगी और गलत जानकारी पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा तकनीकी बदलाव
एआई स्वास्थ्य क्षेत्र को भी अधिक सटीक और आधुनिक बनाएगा।
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एआई एक्स-रे, ईसीजी और ब्लड रिपोर्ट का विश्लेषण कर डायबिटीज, हृदय रोग और एनीमिया जैसी बीमारियों का समय रहते पता लगाएगा।
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गर्भवती महिलाओं व गंभीर मरीजों की पहचान कर समय पर घर-घर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकेंगी।
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अस्पतालों में भीड़ बढ़ने की स्थिति में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की जरूरत का पूर्वानुमान एआई करेगा।
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डेंगू और मौसमी बीमारियों के हॉटस्पॉट पहले ही पहचान लिए जाएंगे।
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स्वास्थ्य सेवाओं में फर्जी बिल और अनियमितताएं भी एआई की पकड़ से नहीं बच पाएंगी।
शिक्षा के क्षेत्र में भी एआई का उपयोग
एआई शिक्षा प्रणाली को और उन्नत बनाएगा।
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अध्ययन सामग्री तैयार करने
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छात्रों की सीखने की क्षमता को समझने
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और व्यक्तिगत लर्निंग सिस्टम तैयार करने
में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सरकार का मानना है कि एआई आधारित यह नई प्रणाली आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को पारदर्शिता और सुशासन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कर देगी।